कानपुर। समाजवादी पार्टी ने भाजपा संगठन के खिलाफ अधिकारियों पर दबाव देकर मुस्लिम बीएलओ को चुनाव डयूटी से हटाए जाने की शिकायत चुनाव आयोग से की है। उपचुनाव से पहले सीसामऊ विधानसभा से 98 मुस्लिम कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का मामला गरमा गया है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने मोर्चा भी खोल दिया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की है उन्हों ने आरोप लगाया है कि सीसामऊ सीट पर उपचुनाव को लेकर तैयारियों के बीच इस तरह के कृत्या किसी साजिश की ओर इशारा करते दिखायी दे रहें हैं। सपा का कहना है कि मुस्लिम कर्मचारियों की जगह पर गैर मुस्लिम बीएलओ की तैनाती की गई है इसकी जांच निष्पैक्ष तरीके से कराई जाए और मामला सही पाया जाए तो अफसरों पर कार्रवाई तय की जाए। हालांकि, अपर सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि यह बदलाव धर्म की वजह से नहीं किया गया है।सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में कुल 275 बीएलओ तैनात हैं। कानपुर के सपा जिलाध्यक्ष हाजी फजल महमूद के मुताबिक, इनमें कुल 124 मुस्लिम बीएलओ तैनात थे। समाजवादी पार्टी ने 98 बीएलओ को हटाए जाने की शिकायत की है, जबकि 26 के बहाल होने का भी जिक्र किया गया है। सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि मुस्लिम बीएलओ को उपचुनाव में साजिश के तहत हटाया जा रहा है। भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। भाजपा: भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय ने कहा- इस मामले को लेकर हमने भी शिकायत की है। मदरसों के टीचरों ने बीएलओ ड्यूटी के दौरान वोटर लिस्ट में तमाम गलतियां की हैं। इसमें शामिल लोगों के नाम-पते तक गलत कर दिए हैं। मृत वोटर्स को भी लिस्ट में शामिल किया गया। हम इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के अपर सिटी मजिस्ट्रेट (एसीएम) -3 राम शंकर ने बताया कि धर्म के आधार पर किसी को नहीं हटाया गया है। कई बीएलओ एडेड व मदरसे के थे। कई बीएलओ टेक्निकल काम नहीं सीख पा रहे थे, क्योंकि निर्वाचन कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है, इसलिए उन्हें हटाया गया है। 27 मुस्लिम बीएलओ अब भी सीसामऊ विधानसभा में कार्य कर रहे हैं। एसीएम ने कहा- सीसामऊ विधानसभा के साथ ही कानपुर समेत पूरे प्रदेश और देश में चुनाव आयोग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए सीसामऊ में भी वोटर लिस्ट में शामिल मृतकों और डुप्लीकेट वोटर्स को लेकर सर्वे किया जा रहा है। सीसामऊ समाजवादी पार्टी का अभेद्य गढ़ है। कानपुर की इस विधानसभा से सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई गई। इरफान 2 दिसंबर, 2022 से जेल में बंद है। ऐसे में इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई है। सपा यहां से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी का टिकट फाइनल कर चुकी है।हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस विधानसभा सीट पर 27 हजार वोटों से हार मिली थी। मौजूदा समय में भी भाजपा के लिए यहां पर चुनौती है।