कानपुर। नगर में सबसे अधिक चर्चा में चल रहे नजूल की जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले में पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष की मदद करने वाले दो वकीलों पर पुलिस की पैनी निगाह हैं। अब पुलिस ने फरार आरोपियों पर घोषित इनाम को 50 हजार करने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिविल लाइंस स्थित नजूल की जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले की जांच में जुटी पुलिस जल्द ही अवनीश गैंग के अन्य लोगों को आरोपी बना सकती है। इसमें दो अधिवक्ता और दो कारोबारी भी है। क्योकि पुलिस को आशंका है कि जमीन कब्जा मामले में इन लोगों की भी अहम भूमिका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार नजूल की जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले में अवनीश सिर्फ मोहरा है। अवनीश से रिमांड पर हुई पूछताछ में पता चला है कि एक अधिवक्ता ने आरोपी जितेश झा की कंपनी श्री आनंदेश्वर एसोसिएट्स और हरेंद्र मसीह की संस्था यूनाइटेड फेलोशिप ऑफ क्रिश्चियन सर्विस के बीच लिखापढ़ी कराई थी। अवनीश को की गई पॉवर ऑफ अटार्नी भी इसी अधिवक्ता ने कराई थी। अधिवक्ता खुद कंपनी में शामिल नहीं है, मगर अपने ड्राइवर और नौकर के नाम पर कंपनी में 15 और 11 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। इसके अलावा एक अन्य अधिवक्ता शामिल है, जो कब्जे के वक्त साथियों के साथ मौजूद था। पर्दे की पीछे रहकर फंडिंग का काम यही लोग करते थे। पुलिस ने चारों को सम्मन जारी किया था। हालांकि कोई अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। लिहाजा पुलिस मुख्य मामले में चारों का नाम शामिल करने की तैयारी में है। डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि भूमिगत आरोपियों के खिलाफ 25 हजार का इनाम पूर्व में घोषित हो चुका है। विवेचक ने इसे 50 हजार रुपये करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इनामी राशि बढ़ा दी जाएगी। सिविल लाइंस स्थित एक कारोबारी के घर भी पुलिस ने दबिश दी थी। इसी कारोबारी के ऑफिस में आने जाने वाले, अवनीश और कारोबारी से जुड़े लगभग 12 लोगों के नाम भी पुलिस के पास आ चुके हैं। इस लिस्ट में कुछ शहर के नामचीन लोग भी हैं।