कानपुर। चीनी उत्पादन की नई –नई तकनीक पर उत्कृष्ठ कार्य में अपनी उपयोगिता साबित करने वाले नगर के प्रतिष्ठित शुगर टेक्नोलॉजिस्ट और राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन को महाराष्ट्र सरकार की ओर से मंगल सिंह मेमोरियल गोल्ड मेडल सम्मान से नवाजा गया है। पुणे शहर के एक आडिटोरियम में आयोजित 68वें पुरस्कारर सम्मान समारोह में उन्हे डेक्कन शुगर टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन द्वारा दिया गया।यह पुरस्कार महाराष्ट्र सरकार के राजस्व, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री डॉ. राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा एसोसिएशन के अध्यक्ष एसबी सहित अन्य अतिथियों की उपस्थिति में दिया गया। यह पुरस्कार प्रो. नरेंद्र मोहन को रिफाइंड चीनी के उत्पादन के लिए तकनीक विकसित करने में उनके उत्कृष्ट और अभिनव दृष्टिकोण के लिए दिया गया है, जिसमें सिस्टम से अशुद्धियों को हटाने के लिए डिस्टलरी फेर्मेटेरों से प्राप्त कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग किया जाता है।आवश्यकता को पूरा करने के लिए अब जब हमारे पास चीनी कारखानों के साथ अधिक डिस्टिलरी एकीकृत हैं, तो डिस्टिलरी फेर्मेटेरों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग चीनी उत्पादन मे सिस्टम से अशुद्धियों को दूर करने का समय आ गया है।इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अलावा कम लागत पर वांछित गुणवत्ता वाली रिफाइंड चीनी का उत्पादन संभव है। प्रो. मोहन ने कहा कि इस प्रक्रिया से कम लागत पर बेहतर गुणवत्ता वाली परिष्कृत चीनी ही नहीं मिलेगी, बल्कि यह चीनी और इथेनॉल उत्पादन की पूरी प्रक्रिया को अधिक पर्यावरण अनुकूल बना देगी। उन्होंने इस शोध में अपने पूर्व सहकर्मी राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर के तकनीकी अधिकारी महेंद्र यादव को धन्यवाद दिया।