कानपुर। कानपुर विश्वविद्यालय में फेल को पास कराने के मामले में पुलिस ने सातवें आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया है। वहीं, मामले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को विवि के कुलपति से पूरे मामले की जानकारी ली। कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में फेल को पास कराने के मामले में पुलिस ने आवास विकास-3 में रहने वाले एक और आरोपी मनीष त्रिपाठी उर्फ पंकज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह सातवीं गिरफ्तारी है। गिरफ्तार किया गया मनीष मूलरूप से नरवल के रामरायपुर गांव का रहने वाला है। मनीष विवि के कंप्यूटर सेंटर में कार्यरत था। इससे पहले जगदीश पाल, शिव कुमार, आशीष राय, प्रशासनिक अधिकारी घनश्याम गौड़, संविदा पर काम कर रहे रिटायर कर्मचारी राम भुजारत और कैफे संचालक प्रकाश सक्सेना को गिरफ्तार किया था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक को राजभवन बुलाया और पूरे मामले की जानकारी ली। कुलपति ने बताया कि राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं सीएसजेएमयू में चल रही छापेमारी से परेशान कर्मचारियों ने कुलपति से मुलाकात कर इसे खत्म कराने की मांग की।वहीं इस मामले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी सख्त रुख अपनाने के निर्देश दिए हैं। वह खुल इस पूरे मामले में निगाह बनाए हुए हैं।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक से पूरे मामले की प्रगति के बारे में जाना। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह के रैकेट को पूरी तरह से खत्म किया जाए। इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए, जो भी सख्त से सख्त कदम हो उसे उठाए, ताकि भविष्य में कभी ऐसा न हो सके। फेल-पास गिरोह का खुलासा होने के बाद अभी तक कल्याणपुर पुलिस 7 लोगों को जेल भेज चुकी हैं। पुलिस और विश्वविद्यालय की जांच टीम का शिकंजा अभी भी लगातार कसता जा रहा है। बताया जा रहा है कि संदिग्ध व्यवहार वाले दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों की सूची तैयार कर ली गई है।बताते चले कि इस मामले का खुलासा स्टूडेंट सपोर्ट सेल टीम ने किया था। यह सिंडिकेट विश्वविद्यालय में कई सालों से सक्रिय था। कुलाधिपति ने कुलपति को निर्देश दिया कि जो विश्वविद्यालय में दागी कर्मचारी उनकी पहचान कर कठोरतम कार्रवाई की जाए। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि राज्यपाल ने कहा है कि जांच कर रही पुलिस टीम और एसआईटी टीम की विश्वविद्यालय की ओर से पूरी मदद की जाए।