कानपुर। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हाल में आए फैसले को लेकर भारत बंद के आह्वन पर बसपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों के कार्यकर्ता बुधवार को भारी संख्या में सडक पर उतरे और आरक्षण के समर्थन के नारे लगाए। कानपुर में भी इसको लेकर जोरदार प्रदर्शन कंपनीबाग चौराहे पर किया गया इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रहा ,करीब 6 किमी. लंबा जुलूस निकाला गया। कचहरी स्थित पार्क के पास प्रदर्शन शांतिपूर्वक खत्म हो गया।प्रदर्शनकारी कंपनीबाग चौराहा से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए कमिश्नर आवास, ग्वालटोली होते हुए हर्डड चौराहा होते हुए कचहरी तक पहुंचे। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचाव व लोगों की सुविधा के लिए वीआईपी रोड पर 2 घंटे के लिए यातायात का दबाव रहा। लोगों को जाम से जूझना पड़ा।बड़ी संख्या में तैनात पुलिस कर्मियों ने ट्रैफिक संभालने का मोर्चा संभाला। हालांकि प्रदर्शन को छोड़कर भारत बंद का कोई असर कानपुर में देखने को नहीं मिला।सरकारी नौकरियों में पदस्थ एससी, एसटी और ओबीसी कर्मचारियों का जातिगत आंकड़ा जारी करने और भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए न्यायिक अधिकारी और जज नियुक्त करने की मांग की गई है।नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स का कहना है कि सरकारी सेवाओं में एससी, एससी व ओबीसी कर्मचारियों के जाति आधारित डेटा को तत्काल जारी किया जाए ताकि उनका सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और जजों की भर्ती के लिए एक भारतीय न्यायिक सेवा आयोग की भी स्थापना की जाए। ताकि हायर ज्यूडिशियरी में एससी, एससी व ओबीसी श्रेणियों से 50 फीसदी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कोटा के अंदर कोटा से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला दिया कि राज्यों को आरक्षण के लिए कोटा के भीतर कोटा बनाने का अधिकार है। यानी राज्य सरकारें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के लिए सब कैटेगरी बना सकती हैं, ताकि सबसे जरूरतमंद को आरक्षण में प्राथमिकता मिल सके।राज्य विधानसभाएं इसे लेकर कानून बनाने में सक्षम होंगी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के अपने पुराने फैसले को पलट दिया है। भारत बंद को लेकर कानपुर में भी कंपनी बाग चौराहा पर बसपा सहित कई अन्य दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कड़ा विरोध जताया और कंपनी बाग से लेकर फूलबाग स्थित नानाराव पार्क तक करीब 6 किलोमीटर लंबा जुलूस भी निकाला।
बसपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार कप्तान ने कहा, कि हमने शांतिपूर्ण ढंग से अपना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बसपा, आजाद समाज पार्टी सहित कई अन्य दलों के पदाधिकारी मौजूद रहे।डीजीपी ने बताया कि बंद को शांतिपूर्ण एवं प्रजातांत्रिक तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस मुस्तैद हैं। कानपुर में बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के वर्गीकरण और क्रिमीलेयर के विरोध में भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी, आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला। इस दौरान सरकार विरोधी नारेबाजी की गई। कानपुर में रैना मार्केट से उठे आरक्षण समर्थकों के जुलूस में भारी तादाद में महिला व पुरुषों के साथ युवा शामिल रहे। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति के वर्गीकरण और क्रिमीलेयर के विरोध में भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी, आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर हाथों में तख्तियां लेकर नगर पालिका से मूसानगर रोड होते हुए मुख्य चौराहे तक जुलूस के साथ सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी की। सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा इस एक्ट का विरोध किया गया। इसके बाद उप जिलाधिकारी को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन माध्यम से मांग की गई की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में उप वर्गीकरण का निर्णय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के विरुद्ध है।