कानपुर। वाराणसी से अहमदाबाद तक चलने वाली साबरमती एक्सप्रेस पर मानो किसी की बुरी नजर लगी हुयी है , ये ट्रेन एक साल के भीतर दो बार पटरी से उतरने की या फिर ये कहा जाए कि दुर्घटना का शिकार हो गयी है तो ये अतिश्योक्ति नही होगी। इस रूट पर साबरमती एक्सप्रेस चौथी बार हादसे का शिकार हुई है। बतातें चलें कि बीते मार्च महीने में अजमेर परिक्षेत्र में मालगाड़ी से टकराने के बाद इसके चार कोच पटरी से उतर गए थे। शनिवार तड़के सुबह हुए हादसे में 22 कोच पटरी से उतर गए थे। एक ही ट्रेन में हुए हादसों पर अब रेलवे पड़ताल कर रही है। रेलवे ने वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड की जांच कमेटी गठित की है।साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी, आमने-सामने टक्कर, डिरेल की घटनाएं प्रमुख हैं। वहीं दुर्घटना के बाद रेलवे अफसर,सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। अफसरों का कहना है कि आखिरकार यह ट्रेन चार-चार बार हादसे का शिकार हो चुकी है, इसकी वजहों की जांच की जा रही है। साबरमती एक्सप्रेस के हादसे में लोको ड्राइवर समेत तीन को नोटिस (सफीना) जारी किया है। इन सभी को बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पुलिस घटना का रिकंस्ट्रक्शन कराएगी। अब तक के सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। पुलिस भी ट्रेन ड्राइवर के बयान दर्ज करेगी।रेलवे की वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) की पांच सदस्यीय टीम मंगलवार को पनकी इंडस्ट्रियल एरिया के पास साबरमती रेल हादसे का स्थलीय जांच करेगी। टीम कोच से लेकर दुर्घटना के कारणों की जांच करेगी।साबरमती एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रेलवे के इंजीनियरिंग, मैकेनिकल,परिचालन, आरपीएफ ने फौरी तौर पर जांच की है। विभागीय जांच के तथ्यों को देखने के बाद एसएजी की टीम कोच का मुआयना करेगी। रेल यात्रियों के बयान भी जांच टीम दर्ज करेगी। इसके लिए चार्ट में अंकित मोबाइल नंबरों से सूची बनवाई जा रही है।उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि एसएजी टीम के जांच के लिए कानपुर पहुंचने की जानकारी मिली है। डिप्टी सीआरएस ने घटनास्थल का पहले ही निरीक्षण किया है। साथ ही संरक्षा के लिहाज से कई बिंदुओं को परखा गया है रेलवे इस रूट पर होने वाली दुर्घटना का बारीकी से अध्ययन कर रहा है।