November 22, 2024
कानपुर। कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष का नाम अब शहर के भीतर चल रहे जुआडखानों से हर महीने लाखों की वसूली करने के गिरोह में पाया गया है। कर्नलगंज थाना क्षेत्र में पकडी गयी जुएं की फड के मुख्य आरोपी ने पुलिस को यह जानकारी मुहैया करवायी कि प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष और उनके गुर्गे जुए की फड़ों की खबरें न चलाने के एवज में हर महीने लाखों रुपए वसूलते थे। एक हजार करोड़ जमीन कब्जाकांड में जेल भेजे गए कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित का नाम अब जुआ माफियों से भी जुड़ गया है। कर्नलगंज में पकड़े  गए जुआ माफिया मासूम ने बताया कि पूर्व अध्यगक्ष जुए की फड़ों की खबरें न चलाने के लिए सभी से लाखों की वसूली करने से गुरेज नही करते थे।  इसमें कथित रूप से पत्रकारिता का चोला ओढ़े उनके कई गुर्गे भी शामिल है। कर्नलगंज पुलिस ने मासूम को जेल भेज दिया। जल्द ही जुआ सिंडीकेट में शामिल अन्य को भी अरेस्ट करके जेल भेजेगी।एडीसीपी सेन्ट्रल महेश कुमार ने बताया- क्षेत्र में जुआ खेलने की बहुत सारी शिकायतें मिल रही थीं। इनपुट के आधार पर पुलिस ने कुलीबाजार निवासी शातिर जुआ माफिया मासूम अली को उबैदा स्कूल कर्नलगंज से गिरफ्तार कर लिया।आरोपी के पास से 5100 रुपए, 52 ताश के पत्ते, एक डायरी मिली। स्कूल बंद होने के कारण शातिर ने वहां जुआड़खाना खोल रखा था। एडीसीपी के मुताबिक छापेमारी के दौरान मासूम के साथी नावेद, जैन, राजा बरक और मोहम्मद शारिक अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।पूछताछ के दौरान मासूम ने बताया- अवनीश के संरक्षण में क्रिस्टल पार्किंग, कचहरी से लेकर शहर में एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर जुए की फड़ चलते थे। इस सिंडिकेट में उसके साथ शनि जायसवाल, लकी ठाकुर, राजा अहिरवार और विकास अवस्थी भी हैं जो अपने आपको पत्रकार बताते हैं। यह लोग जुआ में पैसा लगाते और खेलते हैं।इसके अलावा संरक्षण देने के लिए विकास अवस्थी पांच हजार रुपए हफ्ता (20 हजार रुपए महीना) लेता है। एडीसीपी के मुताबिक आरोपी ने बताया कि विकास अवस्थी खुद को अवनीश दीक्षित का करीबी बताता था। कहता था कि अवनीश के संरक्षण के कारण मीडिया और पुलिस दूर रहेगी।शातिर मासूम के पास से पुलिस को जो डायरी मिली उसने 36 से ज्यादा नाम मिले हैं। उनके नाम के आगे रुपए की डिटेल भी लिखी है। एडीसीपी सेन्ट्रल महेश कुमार ने बताया कि आरोपी बहुत शातिर है। मासूम के खिलाफ पूर्व में 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें सार्वजनिक जुआ अधिनियम, गैंगस्टर, डकैती, आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस आदि शामिल है।