कानपुर। कानपुर के डॉक्टरों की हड़ताल के चलते चिकित्सीय कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है तो वहीं, दूसरी ओर डाक्टरों की हडताल के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। खासकर शहर के बाहर से आने वाले मरीजों को ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही है। हालांकि मरीजों की परेशानियों को देखते हुए हैलट प्रशासन ने ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों की तैनाती कर दी है लेकिन इसके बावजूद चारों तरफ अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। बिहार से आए सुंदरम ने बताया कि मां दया के पेट में पथरी है। उसका इलाज कराने के लिए आया था, लेकिन यहां पर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण चारों तरफ बहुत अव्यवस्था फैली है। कोई ओपीडी में जान से रोक रहा है तो कोई पर्चा बनाने से मना कर रहा है।सुबह से दो बार लाइन में लगकर पर्चा बनवाने के लिए गए, लेकिन दोनों बार जूनियर डॉक्टर आए और खिड़की बंद करा दी। अंदर ओपीडी में जाने पर सीनियर डॉक्टर कहते है कि पहले पर्चा बनवाकर आओ। ऐसे में सुबह से खड़े-खड़े हम लोग परेशान हो गए है। कल्याणपुर निवासी पूजा 6 माह के बेटे को लेकर इलाज के लिए इधर-उधर भटकती रही। पूजा ने बताया कि बेटे को तेज बुखार था। उसे लेकर डॉक्टर को दिखाने आई थी। ओपीडी में गई दिखाने तो उन्होंने कहा कि पहले पर्चा बनवाकर लाओ, तब देखेंगे। खिड़की पर पर्चे नहीं बन रहे हैं। मामला जब प्रिंसिपल डॉ. संजय काला के पास पहुंचा तो उन्होंने सबसे पहले महिला का पर्चा बनवाया। इसके बाद महिला को बाल रोग विभाग में डॉ. यशवंत राय के पास भेजकर दिखवाया। बर्रा निवासी उमा बाजपेई ने बताया की बेटे आनंद बाजपेई का इलाज हैलट से चल रहा है। यहां पर आए तो पता चला कि डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। ओपीडी में गए तो वहां भी भीड़ बहुत लगी थी। घर से जब निकले तब पता नहीं था कि आज हड़ताल होगी, यहां आने पर पता चला कि हड़ताल है। अब बिना दिखाए ही जा रहे हैं। इसी तरह से न जाने कितने मरीज बिना इलाज कराए ही वापस लौट गए। प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने कहा कि सभी सीनियर अपनी-अपनी ओपीडी में बैठेंगे वो लोग अपनी सेवाएं देते रहेंगे।