November 22, 2024

-अप लाइन की कई ट्रेनों को किया गया निरस्त

कानपुर। वाराणसी से अहमदाबाद की ओर जा रही साबरमती एक्सप्रेस शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात लगभग 2.40 बजे तेज धमाके के साथ पटरी से उतर गयी। चालक के इमरजेन्सी ब्रेक लगाने के चलते हालांकि किसी प्रकार की जनहानि तो नही होने की सूचना रेलवे की ओर से प्रसारित की गयी है लेकिन यात्रा कर रहे यात्रियों को उनके गंतव्य को भेजने के लिए रेल प्रशासन को पूरी तरह ताकत झोंकनी पड गयी। साबरमती एक्संप्रेस गोविंदपुरी से भीमसेन स्टेशनों के बीच डिरेल हो गयी जो कानपुर सेन्ट्रल से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर थे। ट्रेन के लगभग 22 डिब्बे पटरी होल्डिंग लाइन पर पटरी से उतर गए। मौके पर मौके रेलवे, पुलिस व फायर विभाग के आलाधिकारी पहुंच चुके हैं। राहत व बचाव कार्य जारी है और यात्रियों को बसों व थ्री फेज मेमू से सेंट्रल स्टेशन पहुंचाया जा रहा है। वहीं, चालक के अनुसार, प्रथम दृष्टया बोल्डर इंजन से टकराया, जिससे इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह क्षतिग्रस्त/झुक गया। ट्रेन की रफ्तार करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई और अधिकारी घटना की जांच में जुटे रहे। रेलवे और पुलिस के अधिकारियों ने घटना को बडी साजिश मानते हुए सभी बिन्दुेओं पर जांच भी शुरु कर दी है। ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद ट्रैक को दुरुस्त कराने के लिए कई गाडियों के रूट में परिवर्तन किया गया तो कई ट्रेनों को निरस्तर कर दिया गया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- ट्रेन का इंजन पटरी पर रखी किसी भारी चीज से टकराया। इंजन पर टकराने के निशान हैं। सबूत सुरक्षित रखे गए हैं। आईबी और पुलिस जांच कर रही है। नॉर्दन सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने कहा- यह तय है कि हादसा इंजन के किसी चीज से टकराने से हुआ है। मौके पर कोई चीज नहीं मिली है। हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड 70 से 80 के बीच थी। एक पहिया उतरते ही प्रेशर कम हुआ। ड्राइवर ने वक्त रहते इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए, जिस वजह से बड़ा हादसा होने से बच गया।पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा- दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार मौके पर पहुंचे। आसपास के लोगों से पूछताछ की। पटरी के टुकड़े को भी देखा। आशंका जताई जा रही है कि इसी टुकड़े को पटरी पर रखा गया था, जिस वजह से ट्रेन डिरेल हुई। हादसे से पटरियां उखड़ गईं। लोहे की क्लिप उखड़कर दूर जा गिरी।रेल अफसरों ने बताया- हादसे से 1 घंटे 20 मिनट पहले पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रैक से गुजरी थी, तब तक ट्रैक सुरक्षित था। हादसे के बाद 16 ट्रेनों को रद्द किया गया। 10 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। रेलवे ने ट्रैक को 24 घंटे में क्लियर कर देने का आश्वा सन दिया गया है।वहीं, हादसे वाली जगह पर तीन फीट की रेलवे पटरी मिलने से रेल और पुलिस विभाग उसे साजिश से इन्कारर नही कर रहा है। घटनास्थल पर पहुंचे तमाम अधिकारी जांच में जुटे रहे वहीं ट्रैक बनाने के लिए कानपुर लोको शेड से एआरटी मंगवायी गयी और कार्य शुरु किया गया आधा दर्जन से अधिक जेसीबी भी ट्रैक ठीक करने के लिए जुटी हुई हैं। साथ ही, झांसी और प्रयागराज मंडल से भी एआरटी बुलाई गई है। ट्रैक के कल शाम तक ठीक होने की उम्मीद जतायी जा रही है।

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