कानपुर। नगर की राजकीय आईटीआई में प्राचार्य पद के लिए चल रहे विवादों का अन्त होता नही दिखायी दे रहा अब इसको लेकर इन दिनों दोनों प्राचार्य आमने-सामने आ गए है। प्राचार्य की कुर्सी पर अब दोनों ही अपनी बादशाहत बरकरार रखने पर अमादा दिखायी दे रहे हैं। शुक्रवार को दोनों एक ही कुर्सी पर बैठने के लिए अपने अपने समर्थकों के साथ आए। बताते चले कि पुराने वाले प्राचार्य का समय से पहले तबादला होने पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली और स्टे ले आए हैं। वहीं, जब नए प्राचार्य ने ज्वाइन किया और पुराने वाले अपना दावा उसी कुर्सी में करने लगे तो उन्हें भी कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। डॉ. नरेश कुमार ने 2 जुलाई 2022 को कानपुर के पांडुनगर आईटीआई का चार्ज संभाला था। इसके बाद 30 जून 2023 को उनका तबादला लखनऊ के लिए कर दिया गया था, जबकि उनका कहना है कि तबादले का समय अभी पूरा नहीं हुआ था। इसके बावजूद नियमों के विपरीत जाकर ऐसा किया गया। तीन साल तक एक जिले में रहने की अनुमति रहती है। डॉ. नरेश ने कहा कि इसके चलते मैंने इसकी कोर्ट में अपील की। इसके बाद कोर्ट से 27 जुलाई को स्टे दे दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश भी कर दिया कि जब तक इसमें शासन कोई निर्णय नहीं करता है, तब तक आप अपनी पुरानी जगह पर ही रहेंगे। उसी दिन लखनऊ के प्रादेशिक स्टॉफ प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र में तैनात डॉ. अमित कुमार पटेल का तबादला कर आईटीआई पांडुनगर के लिए भेज दिया गया। 30 जुलाई को डॉ. अमित ने कानपुर आकर ज्वाइन भी कर लिया, लेकिन उनके ज्वाइन करते ही उन्हें पता चला कि यहां के पुराने प्रिंसिपल ने स्टे ले लिया है। इसके बाद दोनों प्रिंसिपल वर्तमान समय में एक ही ऑफिस में बैठ रहे है। कोर्ट ने शासन को 21 दिन का समय दिया है। कोर्ट ने शासन को निर्णय सुनाने के लिए कहा है। दोनों प्रिंसिपल का कहना है कि शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। शासन जो भी आदेश देंगा उसके बाद आगे हम लोग वैसे ही काम करेंगे। फिलाहल अभी पुराने प्रिंसिपल डॉ. नरेश कुमार ही संस्थान को पहले की तरह चला रहे हैं।