आ. स. संवाददाता
कानपुर। नरौरा व हरिद्धार से छोडा गया लाखों क्यूसेक पानी और पहाडों पर हो रही लगातार बारिश से गंगा के जलस्तर में बढोत्तरी हो रही है। बैराज पर इकटठा पानी को रिलीज करने के बाद गंगा किनारे बसे गांवों में अब बाढ़ का खतरा अब मंडराने लगा है। बुधवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर उसके ऊपर चला गया। सुबह गंगा का जलस्तर अपस्ट्रीम में 113.380 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो इस सीजन में सबसे अधिक रिकार्ड किया गया।इससे पहले 11 जुलाई को अधिकतम जलस्तर 113.370 मीटर तक पहुंचा था। हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से करीब 1 मीटर दूर हैं। किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।कानपुर में बाढ़ का पानी सबसे पहले चैनपुरवा गांव में घुसता है। इसलिए यहां प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। ग्रामीणवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बाढ़ चौकियां भी बनाई जा रही हैं। वहीं दिन-रात जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है।कानपुर गंगा बैराज के सभी 30 गेट खोल दिए गए हैं। कानपुर में जलस्तर मेंटेन के लिए भारी मात्रा बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। सुबह बैराज से 2 लाख 07 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं नरौरा डैम से 37,525 और हरिद्वार से 40,003 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं बीते 24 घंटे में 17 सेमी. तक जलस्तर बढ़ गया है।कानपुर के घाटमपुर में यमुना नदी का जलस्तर दो दिनों से लगातार बढ़ रहा है। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से यमुना नदी उफान पर है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है।नदी का जलस्तर लागतार बढ़ने से प्रशासन अलर्ट मोड पर है। पुलिस प्रशासन ने बुधवार को नदी किनारे गांव में एलाउंस करवाकर लोगों को नदी किनारे से दूर सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा है। बीते साल भी यहां बाढ़ आई थी।