February 5, 2025

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट टी-20 प्रीमियर लीग में इस बार नए अंपायर व स्कोरर्स को पोस्टिंग मिलने के आसार भी कम ही दिखाई दे रहे हैं।  प्रदेश संघ में ठेकेदारी प्रथा के चलते इस बार भी लीग में वही चेहरे देखने को मिल सकते हैं जिन्हों ने पिछली बार इस प्रतियोगिता को सम्परन्नस कराया था। लीग शुरु होने के दो सप्ता ह पहले ही मैचों में नियुक्ति के लिए अंपायर और स्कोररर्स का दल कमेटी के चेयरमैन बीडी शुक्लाय से पारदोर्शी रवैये की उम्मीपद से उनसे सम्प्र्क साधने में जुटा है तो वहीं पुराने सदस्यों  को उम्मीाद है कि लीग में उन्हेव ही मैच आयोजित करवाने का मौका दोबारा भी मिलेगा। संघ की अंपायर व स्कोरर्स कमेटी 12 से 14 अगस्त तक एक कार्यशाला आयोजित कर रही है जिसमें भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के वरिष्ठ अंपायर अनिल चौधरी वह स्कोरर्स कमेटी के मुख्य वीएन जयपाल प्रदेश के अंपायर और स्कोेरर्स का ज्ञानवर्धन करेंगे।  हालांकि इस बार यूपीसीए ने कार्यशाला में शामिल होने के लिए आयु सीमा भी निर्धारित कर दी है जो 55 साल रखी गई है। इस नियम के तहत तो पहले ही 55 साल पूरे कर चुके वरिष्ठ अंपायर व स्कोरर्स  इस कार्यशाला का हिस्सा नहीं हो सकेंगे जबकि कम अनुभव वाले यूपीपीएल के लिए आधिकारिक तौर पर नियुक्त नहीं किए जाएंगे। कुल मिलाकर इस बार भी उत्तर प्रदेश क्रिकेट प्रीमियर लीग में ठेकेदारों की ही चलेगी जिसमें उनके खास ही स्कोरर्स से लेकर अंपायर मैच ऑफिशयल एसीएलओ और थर्ड अंपायर के साथ ही मैच रेफरी  की भूमिका का निर्वाहन करते दिखायी देंगे। गौरलतलब है कि बीते साल की लीग में ठेकेदारी प्रथा का चलन चला और अपने खास लोगों की ही नियुक्ति 33 मैचों के लिए की गयी जिसमें प्रत्येक सदस्‍य ने लाखों रुपए तो कमाए ही साथ ही 3 से 7 मैचों का अनुभव भी प्राप्त किया। इस मामले में शहर के एक पुराने अंपायर ने कहा कि यूपीपीएल खेल का तजुर्बा हासिल करने के लिए एक बेहतरीन प्लेंटफार्म है बस इसमें नए लोगों को भी मौका मिले जिससे उनको भी बारीकियां समझने का अवसर मिल सके। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि बीते साल की प्रक्रिया को रोकने के लिए आलाकमान से बात की जाएगी और नए लोगों अवसर दिलाने का प्रयास किया जाएगा जिससे अपने ही प्रदेश के खिलाडियों को नजदीक से जानने का मौका मिल सके।