संवाददाता।
कानपुर। नगर के घाटमपुर भीतरगांव निवासी चंद्रप्रकाश सविता ने अफ्रीका के युगांडा में 4 से 9 जुलाई तक संपन्न हुई पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में 3 पदक हासिल कर नगर का ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष का नाम रोशन किया है। चंद्रप्रकाश के इस उपलब्धि पर परिजनों ने भी खुशी जाहिर की। चंद्र प्रकाश ने यह खुशी फोन कर अपने माता-पिता को सुनाई। युगांडा में संपन्न हुई प्रतियोगिता में 25 देशों के खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था। चंद्र प्रकाश ने तीन वर्गों के स्पर्धाओं में प्रतिभाग कर दो स्वर्ण पदक, एक रजत पदक हासिल किया। एकल वर्ग की स्पर्धा में चंद्र प्रकाश ने न्यूजीलैंड के वोजटोक को 21-19 और 21-25 से फाइनल में हराया। डबल वर्ग में चंद्र प्रकाश और नवीन शिव कुमार की जोड़ी ने वोजटोक और सखूजा को 14-21, 21-17, 21-14 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। डबल मिश्रण वर्ग में क्वार्टर फाइनल जीतकर कांस्य पदक पर कब्जा किया। चंद्र प्रकाश ने कहा कि मेरा सपना है कि पैरालंपिक, पैरा एशिया चैंपियनशिप और वर्ल्ड कप में खेल कर भारत के लिए पदक जीत सकूं। इसके लिए मैं अपना अभ्यास लगातार जारी रखूंगा। मैं रोजाना 3 से 4 घंटे तक बैडमिंटन का अभ्यास करता हूं। चंद्रप्रकाश सविता बचपन से ही पोलियो की बीमारी से ग्रसित है। चंद्र प्रकाश ने बताया कि मुझे बचपन से ही खेलने का बहुत शौक था, मगर ग्रामीण क्षेत्र में रहने के कारण पढ़ाई का बोझ बहुत ज्यादा था। इसलिए खेलने की तरफ मैं नहीं जा पाया। 2016 में जब मैं इंटर पास करके घर से बाहर निकला तो सबसे पहले मैंने खेलना शुरू किया, जब मैंने खेलना शुरू किया तो मुझे नहीं पता था मैं कहां तक जाऊंगा, मगर मेरे अंदर खेलने की लगन कभी कम नहीं हुई। वर्तमान में चंद्रप्रकाश भोपाल में एनसीईआरटी में अपर डिविजन क्लर्क के पद पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि वह नौकरी के साथ-साथ अपने खेल पर भी पूरा फोकस करते हैं। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। उन्होंने कहा कि आज उनके आशीर्वाद से ही मैं यहां तक पहुंचा हूं। आगे भी अपने सपने को पूरा करने पर फोकस करना है। चंद्र प्रकाश ने अपने जूनियर खिलाड़ियों को संदेश देते हुए कहा कि सफलता पाने के लिए शॉर्टकट तरीका कभी मत आजमाएं। अपनी मेहनत पर भरोसा रखें और जिस काम को भी करें उसे लगन के साथ करें। अगर आपको रुचि नहीं होगी तो फिर आप उस काम में कभी सफल नहीं हो पाएंगे।