संवाददाता।
कानपुर। नगर में इन दिनों मेडिकल कॉलेज का हाल यूँ है कि मरीजो को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए एक एक महीने बाद की तारीखें दी जा रही है। इस कारण मरीजों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज से आने वाले मरीजों को यहां पर कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। कन्नौज निवासी महिपाल शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी के पेट में एक गांठ है, जिसका उपचार कराने के लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज आए थे। यहां पर डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए बोला है, जब अल्ट्रासाउंड की फीस जमा कर दी उसके बाद पता चला कि एक महीने बाद अल्ट्रासाउंड होगा। इस कारण फिर बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड कराया। उसका पैसा भी नहीं रिफंड किया गया, जबकि कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक इसकी शिकायत की लेकिन किसी ने भी हमारी एक नहीं सुनी। नगर के रहने वाले राशिद ने बताया कि उनकी पत्नी के पसली में कुछ तकलीफ है, जिसके कारण उनका अल्ट्रासाउंड कराना है। फीस जमा कर ली। इसके बाद बताया कि 1 महीने बाद आपका नंबर आएगा। अब पैसे भी जमा हो गए हैं। अल्ट्रासाउंड भी कराना जरूरी है। मजबूरी में बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड करा रहा हूं। यहां पर फतेहपुर से ईलाज कराने आये गिरीश मिश्रा ने बताया कि एक माह पूर्व की तारीख लेकर यहां से गया था। मंगलवार को अल्ट्रासाउंड कराने आया मगर नहीं हुआ। काफी निवेदन किया इसके बाद भी कर्मचारियों ने नहीं सुना। अब फिर 5 दिन बाद की तारीख दी है। आए दिन 100 किलोमीटर दूर से आना मुश्किल हो जाता है। अब कहीं बाहर से अल्ट्रासाउंड करा लेंगे क्योंकि इलाज में भी बहुत देर हो रही है। यहां पर रोजाना 50 से 60 लोगों का अल्ट्रासाउंड किया जा रहा है। अगर मरीजों का लोड देखा जाए तो कम से कम 15 फैकेल्टी की जरूरत है। अस्पताल प्रशासन की माने तो इससे कम फैकेल्टी में काम बाधित होगा। वर्तमान में केवल एक फैकेल्टी है जो कि अल्ट्रासाउंड कर रही है और 6 अल्ट्रासाउंड मशीनें हैं। मैन पावर कम होने के कारण भी मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना आने वाले आधे मरीज निजी पैथोलॉजी में जाकर अल्ट्रासाउंड करा लेते हैं, लेकिन उनका पैसा रिफंड नहीं किया जाता है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि अल्ट्रासाउंड की 4 मशीनें जल्द ही आने वाली है। मैन पावर बढ़ाने के लिए जूनियर को यहां पर ट्रेनिंग दी जा रही है, क्योंकि फैकल्टी की बहुत कमी है। इसलिए इन लोगों को तैयार किया जा रहा है। इनको तैयार करने के बाद अलग-अलग मशीनों पर तैनात किया जाएगा।