पूर्व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करने के मामले में पुलिस कर सकती कार्यवाही
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव के खिलाफ उनके हस्ताक्षर को लेकर चल रही फॉरेंसिक जांच पूर्णतया सही पाई गई है। शिकायतकर्ता के आधार पर बी एफ आई की जांच में यह साफ पाया गया है कि यूपीसीए के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह के खिलाफ जो नोटिस जारी किया था वह पूर्णतया सही है और इस आधार पर दर्ज कराई गई एफ आई आर फर्जी तथ्यों पर आधारित है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूर्व जारी की गई नोटिस को उसे झूठा ठहराना अब उनके लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है। पुलिस इनके खिलाफ धारा 182 सी आर पी सी में अरविंद श्रीवास्तव और उनके सहयोगी के खिलाफ अब कानूनी कार्यवाही भी करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को लेकर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह के खिलाफ सरकार के साथ अब धोखा देने का मामला सामने आया था ।उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने पूर्व सचिव के किए इस कृत्य पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था! उन्होंने पूर्व सचिव से यह सवाल किए हैं कि जब पूर्व सचिव कूलिंग पीरियड में चल रहे हैं तो वह किस हैसियत से सरकार के साथ स्टेडियम निर्माण को लेकर एमओयू कर सकते हैं! गौरतलब है कि खेल विभाग के निदेशक आरपी सिंह ने भी इस पर कड़ा एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री से कार्यवाही करने की गुहार लगाई थी। यूपीसीए के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने उनसे लिखित रूप से यह जानकारी मांगी थी कि संघ को पता चला है यूपीसीए की ओर से यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2023 में वाराणसी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। हम जानना चाहते हैं कि किस अधिकार के तहत एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यूपीसीए के एसोसिएशन ऑफ आर्टिकल्स के अध्याय 5 में यूपीसीए के प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया गया है। हाल के दिनों में जितने भी मैच हुए हैं, उन्हें हमारे यहां के स्थान पर इकाना स्टेडियम, लखनऊ को आवंटित किया गया है।सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार स्वयं यूपीसीए के संविधान द्वारा निर्णय लेने से प्रतिबंधित होने के बावजूद, सभी निर्णय ले रहे हैं और यूपीसीए के अधिकारियों को आपके पक्ष में बिना किसी अधिकार के यूपीसीए की ओर से कार्य करने के लिए अधिकृत कर रहे हैं। इस पत्र के 15 दिनों के भीतर ही युद्धवीर सिंह को उत्तर देने के लिए कहा था जिसके बाद यूपीसीए के पूर्व सचिव और सीईओ की टीम ने उस नोटिस को ही झूठा साबित करने में एड़ी चोटी का जोर लगाकर 4 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी करवा दिया था । गौरतलब है कि जिनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया था उन्होंने पुलिस से आवेदन कर उनके हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जांच की मांग की थी जिस पर अमल करते हुए पुलिस ने बीएफआई के माध्यम से वह जांच करवाई और सचिव अरविंद श्रीवास्तव के हस्ताक्षर पूर्णतया सही पाए है । अरविंद श्रीवास्तव द्वारा युद्धवीर सिंह और अंकित चैटर्जी के साथ मिलकर यू पी सी ए की साख को भट्टा लगाया जा रहा है। इस संदर्भ में यूपीसीए के सचिव अरविंद श्रीवास्तव से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करना अभी मुनासिब नहीं समझा | ना ही उन्होंने फोन का जवाब दिया और ना ही किसी मैसेज का |