October 18, 2024


कानपुर। बीते एक दिवसीय विश्व कप में अपनी धारदार गेंदबाजी से विरोधियों को चारों खाने चित करने वाले भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मो शामी का टीवी पर प्रसारित एक साक्षात्कार इन दिनों काफी चर्चा में है। जिसमें वह वह बतातें देखे जा रहे हैं की किस तरह उत्तर प्रदेश में उनकी उपेक्षा हुई और उन्हें बंगाल से खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। मो शामी एकमात्र ऐसे क्रिकेटर नही हैं जिनके साथ प्रदेश क्रिकेट संघ की ओर से यह कारनामा किया गया है, ये लिस्ट बहुत लंबी है।एक ओर जहां महिला खिलाडियों में दीप्ति शर्मा, राधिका, स्वाति, तनुज, सारिका, शिवांगी, अदिति, निष्ठा, साक्षी जैसी तमाम महिला खिलाडियों को भी उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की अनदेखी का सामना करना पड़ा जिसके चलते वे दूसरे राज्यों से खेलने को मजबूर हुईं। तो वहीं पियूष चावला, आरपी सिंह, तन्मंय श्रीवास्तव के अलावा भी कई पुरुष क्रिकेटर रहें हैं जिनको यूपी क्रिकेट को छोडकर अन्य प्रदेशों में शरण लेनी पडी थी। यही नहीं प्रदेश के मनोज प्रभाकर, यशस्वी जयसवाल और नरेंद्र हिरवानी आदि क्रिकेटर भी प्रदेश को छोड़कर गए तो उन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने में सफलता पाई। उनको भी यहां के चयनकर्ताओं की अनदेखी का दंश झेलना पड़ा था। तेज गेंदबाज मो शामी के इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया में लोग सवाल पूछ रहे हैं की उत्तर प्रदेश का पनौती कौन है, जिसकी वजह से यहां का टैलेंट दूसरे राज्यों में जा रहा है और दूसरे राज्यों का कूड़ा करकट प्रदेश का क्रिकेट संघ ढो रहा है।

इस पूरे सोशल मीडिया कैंपेन के केंद्र में अब उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला दिखायी दे रहे हैं, जिन्हें सोशल मीडिया में नए अवतार के रूप में संबोधित किया जा रहा है। इस नए अवतार को कथित तौर पर अलीबाबा और उनकी 40 सदस्यीय टीम के नाम से संबोधित किया जा रहा है, इसकी वजह यूपीसीए में 40 जिला संघों का जुडा होना माना जा रहा है। विश्व कप के फाइनल में पीएम मोदी के जाने के बाद एक पार्टी विशेष की विचारधारा से जुड़े लोग भारत की हार पर पीएम मोदी का मजाक उड़ा रहे हैं और उन्हें पनौती कहकर संबोधित किया जा रहा है। अब लोग पूछ रहे हैं की उत्तर प्रदेश का बेड़ा गर्क करने वाले पूर्व सचिव को भी पनौती क्यों न माना जाए जिनके आ जाने से उत्तर प्रदेश से खिलाड़ियों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है।

यूपीसीए में इस समय जो कुछ हो रहा है वो किसी से छि‍पा नहीं है। कई ऑडियो वायरल होने के बाद पूर्व भारतीय महिला खिलाड़ी ने मीडिया को पत्र लिखकर प्रदेश क्रिकेट में चयन में सौदेबाजी और मनमाने खिलाड़ियों के चयन का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने नाम लेकर अकरम सैफी सरीखे लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही ये भी आरोप लगाया की सब कुछ जानकर भी राजीव शुक्ला मौन रहे। इसके बाद लोग पूछ रहे हैं की इसके लिए कौन दोषी है और जो दोषी है उसे पनौती क्यों न कहा जाए।

सोचने वाली बात ये भी है कि‍ शामी और दीप्ति जैसे खिलाड़ी तो अपनी मेहनत से भारतीय क्रिकेट के फलक तक पहुंच गए, लेकिन उन खिलाड़ियों का क्या जो प्रदेश से ने खेल पाने के कारण आगे ही नहीं बढ़ सके। इसके चलते भारत को कई और हीरे नहीं मिल सके, इसके जिम्मेदार को पनौती क्यों न कहा जाए और जिस प्रकार यूपीसीए के खजाने को खाली करने का कार्य करने का काम पूर्व सचिव की 40 सदस्यों की टीम ने किया है तो उसे अलीबाबा की टीम क्यों न कहा जाए।
नोट-सोशल मीडिया पर प्रचारित कन्टेन्ट पर आधारित व्यंग्यात्मक टिप्पणी

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