October 18, 2024


कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के नए कारनामे रोजाना किसी ने किसी परिवेश में सामने आते ही जा रहे हैं, अब एक नया प्रकरण सामने आने से क्रिकेट जगत में थोड़ा हड़कंप मच गया है। संघ के पूर्व सचिव ने अपने लिए की गई हर मदद के बदले एक शख्स को यूपीसीए में सक्रिय सदस्य नियुक्त करवा दिया है। वह भी ऐसे शख्स का जिसने कभी भी प्रदेश स्तर के क्रिकेट को बारीकी से देखा तक नही होगा। मेरठ जिले के संजय को यूपीसीए के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह ने एपेक्स कमेटी का मेंबर नियुक्‍त कर तोहफा तो दिया ही है, साथ ही अपने पक्ष में वोट करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार कर दिया है। यूपीसीए के सूत्र बताते हैं कि आगामी 24 दिसंबर को राजीव शुक्ला का बीसीसीआई और प्रदेश संघ दोनों स्थानों से कार्यकाल खत्म हो जाएगा। जिसके लिए पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह अब बीसीसीआई में प्रतिनिधित्व करने की पूरी तरह से तैयारी में जुटकर सदस्यों को एकजुट कर अपने पक्ष में वोट देने के लिए भी तैयार कर रहें हैं। संघ के सूत्रों के मुताबिक मेरठ से ताल्लुएक रखने वाले पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह ने संजय रस्तोगी को अपना हथियार बना डाला है। संजय मेरठ के विक्टोरिया पार्क {जो कि मेरठ विश्वविद्यालय से अटैच है} के मैदान में बीते कई सालों से क्रिकेट अकादमी का संचालन वहां के जिला क्रिकेट संघ की सरपरस्ती पर करते आ रहे हैं। यही नही जिला संघ के कई पदाधिकारी भी उनको नमन करने के लिए उनके और पूर्व सचिव के दरबार में पहुंचा करते है। बतातें चलें कि इन दोनों की जुगलबन्दी के चलते मेरठ जिला संघ के पदा‍धिकारियों की बात यूपीसीए में सुनी जाती रही है। संजय को पूर्व सचिव की करीबियों के चलते एक और पूर्व सचिव ने उन्हे एपेक्स कमेटी का मेम्बर नियुक्त कर संघ के भीतर प्रवेश करवा दिया जिससे वह वहांं रहकर सभी सदस्यों की गतिविधियों को उन तक पहुचानें का काम आसानी से कर सके। माना तो यह भी जा रहा है कि वर्तमान समय में पूर्व सचिव और एक कारखास की ही पूरे यूपीसीए में तूती बोलती दिखायी दे रही है। हाल ही में संजय रस्तो्गी ने पूर्व सचिव के लिए राजभवन से हुयी जांच में सहयोग किया जिससे वह जांच थोडे समय के लिए टाल दी गयी।यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि उनका अहसान उतारने के लिए पूर्व सचिव ने संजय को संघ में सक्रिय मेम्बर नियुक्त करवा दिया यही नही इससे उनका वोटिंग पावर भी बढ गया है। इस मामले की पडताल के लिए संघ के सचिव अरविन्द श्रीवास्तव से बात करने का प्रयास किया गया तो वह विफल हो गया।

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