September 8, 2024

क्रिकेट कोचिंग के नाम पर हो रही है अभी भी लाखों की कमाई

संवाददाता।
कानपुर
।उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की जूनियर चयन समिति का चेयरमैन कपिल पांडे को बीती 30 तारीख को नियुक्त कर दिया गया है। जबकि वह शहर के एक कोने में अपनी क्रिकेट कोचिंग आसानी से चला रहे हैं।लोढ़ा समिति के मुताबिक एक शख्स एक पद पर एक बार में ही काम करने के लिए उपयुक्त माना गया है ।जबकि वह अपने क्रिकेट कोचिंग को बंद किये बिना ही अण्डर-19 की चयन प्रक्रिया में मुख्य रूप से भागीदारी निभा रहे हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर यूपीसीए के भीतर और क्रिकेट जगत चर्चा आम हो चली है कि इतने बडे व्यक्तित्व के शख्स और काबिल कोच को चयन समिति का मुखिया नियुक्त करने में संघ ने देरी क्यों कर दी। यदि लोढा समिति की सिफारिशों पर अमल देखा जाए तो उनके खिलाफ कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट का मामला बनता नजर आ रहा है। क्रिकेट जगत में चर्चा है कि अपने स्टार शिष्य के कंधे पर बंदूक चलाते हुए कपिल पांडे ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ पर अपनी गहरी पकड़ बना ली है।सूत्र यह भी बतातें हैं कि सिविल सर्विसेज की ओर से रणजी ट्राफी खेले कपिल पांडे साल 2013 में संघ से जुडे और अण्डर-14 के कोच नियुक्त किए गए थे उसके बाद से वह अपने शिष्य के स्टारडम का सहारा लेते हुए आज यहां तक पहुंच गए हैं। शहर के क्रिकेटरों के बीच अपनी धाक जमाने वाले कपिल पांडे जाजमऊ स्थित एक मैदान पर अपने ही नाम से क्रिकेट की कोचिंग दो सत्रों में (सुबह और शाम) चलाते हैं जिसमें उनके पास सैकडों की तादाद में छोटे बडे बच्चे क्रिकेट सीखने पहुंचते है। जिनसे महीने में हजारों का शुल्क भी लिया जाता है। शहर के क्रिकेट गलियारों में चर्चा है कि उन्हे चयन समिति का चेयरमैन नियुक्त होने के बाद भी अभी तक अपनी क्रिकेट कोचिंग को बन्द नही किया है जबकि लोढा समिति की सिफारिशों मददेनजर उनको या तो कोचिंग बन्द कर देनी चाहिए या फिर पद त्याग देना चाहिए। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के मुताबिक दिल्ली में बैठे शख्स से नजदीकी के चलते कपिल को यह पद मिला है। जबकि संघ में वह पहले से ही किसी न किसी पद पर कार्यरत थे। इस मामले को लेकर पूर्व सचिव प्रदीप गुप्ता से बातचीत करने की कोशिश की गयी जो सफल नही हो सकी और यूपीसीए में कोई भी शख्स इस बारे में बात नही करना चाहता।

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