September 8, 2024

त्रिपुरा के बाद प्रदेश की टीम से कर चुके प्रतिनिधित्व

संवाददाता।
कानपुर।
उत्तर प्रदेश में जन्मे और एक छोटे से राज्य त्रिपुरा से अपना क्रिकेटिंग कैरियर शुरु करने वाले एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर को जल्द ही प्रदेश की अण्डर-16 क्रिकेट टीम के मुख्य प्रशिक्षक के रूप में अपनी सेवांए देते देखा जा सकता है। एक सरकारी विभाग में कार्यरत और कुल 9 फर्स्ट क्लास मैच खेले एक क्रिकेटर दुबे जी की प्रतिभा इतनी जबरदस्त है कि वह 9 मैचों में ही राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए सर्टिफाइड हो चुके हैं। माना यह जा रहा है कि संघ के सबसे रसूखदार शख्सं से उनकी नजदीकी के चलते उन्हे यह उपहार दिया जा रहा है। संघ के अन्दरखाने में यह चर्चा भी है कि उस क्रिकेटर को दिल्ली में रहने का भी फायदा दिया जा रहा है। क्रिकेट जगत में चर्चा आम है कि रसूखदार शख्स का बेटा भी इस बार प्रदेश की अण्डर-16 क्रिकेट टीम में प्रतिनिधित्व करने को पूरी तरह से तैयार है। यूपीसीए के सूत्रों के मुताबिक उस क्रिकेटर को इसलिए टीम का प्रशिक्षक नियुक्त किए जाने की कवायद की जा रही है ताकि रसूखदार के बेटे को प्लेइंग इलेवन में रहने से रोका न जा सके और उसका पूरा ख्याल भी रखा जाए। गौरतलब है कि रसूखदार के नजदीकी की इस नियुक्ति की आहट मात्र से ही यूपी की टीम से प्रतिनिधित्व व नेतृत्व कर चुके पूर्व क्रिकेटरों में इस बात को लेकर खासा रोष व्याप्तं है। यूपीसीए सूत्रों के मुताबिक अपने कैरियर में कुल 9 मैचों का तजुर्बा प्राप्त इस खिलाडी के अलावा प्रदेश में पूर्व क्रिकेटरों की भरमार जिनका कैरियर भी आलीशान रहा है जिसमें आशीष विस्ट्न जैदी.मूसी रजा.मोहम्मद कैफ.अरविन्द सोलंकी.माजिद खलील आदि ऐसे कई नाम मुख्य रूप से हैं। इन खिलाडियों को तरजीह न देकर संघ आयातित खिलाडियों को प्रदेश के टीम की बागडोर सौंपना चाहता है जो नियमों के भी शायद एकदम विपरीत ही है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के मुताबिक दिल्ली में बैठे रसूखदार की मर्जी से ही संघ में नियुक्ति और निष्कासन का दौर जारी है। हाल ही में जूनियर चयन समिति के चेयरमैन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और अब एक नई नियुक्ति इस बात की पुष्टि कर रहा है कि संघ में सब कुछ उन्ही के हस्तक्षेप से हो रहा है लेकिन कोई भी सदस्य.कर्मचारी या पदाधिकारी कुछ बोलने की हिम्‍मत नहीं जुटा पा रहा है। इस मामले में बात करने के लिए संघ के पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद फहीम को कई बार फोन मिलाया गया लेकिन उन्होंने रिसीव ही नही किया और कोई भी सदस्य इस मसले पर बोलने को तैयार ही नही है।

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