October 18, 2024

संवाददाता।
कानपुर।
बंगाल का काला जादू विश्व प्रसिद्ध है और वहां की पैदाइश या फिर कहें कि बंगाल सम्बेन्धड रखने वाला इसका फायदा नही उठा पाए तो बंगाली ही नही। अब इसका जादू इस समय यूपीसीए के कई अधिकारियों के सिर चढ़कर बोल रहा है। अधिकारियों ने संघ के पूरे पदाधिकारियों समेत कर्मचारियों और स्टाफ को नजरबन्द करने में सफलता पा ली है। उनकी मनमर्जी के आगे सभी पूरी तरह से अपनी आंखे बन्द किए बैठे हैं। पदाधिकारी अपना काला जादू दिखाते हुए भारत- इंग्लैंड मैच की टिकटों की कालाबाजारी में भी महारत हासिल करने से चूकते नहीं दिखाई दे रहे। टिकट वितरण संस्था बुक माय शो के माध्यम से भारत- इंग्लैंड मैच के टिकट बेचे जा रहे हैं। टिकट वितरण संस्था बता रही है कि इकाना स्टेडियम की क्षमता के मुताबिक सारे टिकट बिक चुके हैं अब मैदान के बाहर वही टिकट काले बाजार में बेचे जा रहे हैं। दर्शको के लिए शायद बुकिंग स्टॉल खुलने की भी उम्मीद यूपीसीए की ओर से नहीं के बराबर देखी जा रही है। वहीं क्रिकेट प्रेमी और प्रशंसकों के बीच रोमांचक मैच को लेकर टिकटों की मारामारी चरम पर है। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी और इकाना के गौरव सिंह के कारिन्दे टिकटो की कालाबाजारी करने में मशगूल हैं क्योंकि उनके कारिन्दो को कोई जानता तक नही है। यूपीसीए के एक पदाधिका‍री के मुताबिक ये दोनों ही बंगाल प्रांत से ताल्लुक रखते हैं और सभी को पता है कि बंगाल का काले जादू का प्रभाव शुरु होने के बाद लोग बिल्कुल दिगभ्रमित हो जाते हैं और करने वाले के वश में ही सारे कार्य करते हैं। यह दोनों बंधु भी ऐसा ही मिलकर कार्य कर रहे हैं जिससे यूपीसीए और तमाम संघ के लोग जिसमें जिला प्रशासन और शासन के लोग भी शामिल हैं हतप्रभ है कि मैच के टिकट आखिर क्यों नहीं मिल पा रहे हैं। इसके पीछे वजह तलाशने की भी कोशिश जारी है। इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने मैच के लिए टिकटों की कालाबाजारी होने से मेजबान संघ के प्रति क्रिकेट जगत के अलावा आम जनता के बीच खासा रोष व्याप्त हो चला है। यूपीसीए के पदाधिकारी के मुताबिक भारत और मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड के बीच लखनऊ में खेले जाने वाले आगामी क्रिकेट विश्व कप (सीडब्ल्यूसी) के ,टिकट 1,000 से लेकर 50,000 रुपये की कीमत तक में बेचे जाने की सूचना मिल रही है। यूपीसीए के अधिकारी इस बात को मानने को तैयार ही नही है जबकि इकाना से लेकर कानपुर तक टिकटों के बेचने वाले खरीदारों के साथ देखे जा रहे हैं लेकिन जेल जाने के डर से वह भी अपना नाम छिपा रहे हैं।

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