September 8, 2024


कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में चल रहे घमासान के बीच इस बार की एपेक्स कमेटी की बैठक को शान्ति पूर्वक निपटाने की चिन्ता संघ के पदाधिकारियों के माथे पर लकीरें बनाने के लिए काफी हो सकती हैं। प्लेयर्स एसोसिएशन की ओर से चयनित एपेक्स  कमेटी की सदस्य अर्चना मिश्रा ने इस बार होने वाली कमेटी की बैठक से पहले ही अपनी सुरक्षा को लेकर संघ के लिए चुनौती पेश कर दी है। यही नही उन्होंने महिलाओं के प्रति संघ के भीतर हो रहे चरित्र उत्पीडन को लेकर भी आलाकमान की ओर से सक्रिय भूमिका का निर्वाहन न करने की बात कही है। उन्होंने संघ के सचिव को दिए अपने प्रार्थना पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को आधार बनाते हुए प्रदेश संघ में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज बुलन्द कर दी है। उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में उस प्रकरण का हवाला दिया है जिसमें सर्वोच्च‍ न्यायालय ने अपना निर्णय “विशाखा एवं अन्य बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य”के  पक्ष में  दिया था । 13 अगस्त, 1997 को अपने ऐतिहासिक आदेश में इसने सभी सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को महिलाओं के सम्मान और गरिमा की रक्षा के लिए तुरंत एक समिति बनाने का आदेश दिया था। उन्होंमने अपने प्रार्थना पत्र में साफ तौर पर इंगित किया है कि बड़े दुःख की बात है कि यूपीसीए में, जहाँ महिलाएँ भी शामिल हैं और विभिन्न टीमों में राज्य के लिए खेलती हैं, सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कोई समिति नहीं बनाई गई है और शिकायत करने के बाद भी आपकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ता को प्रतिकूल टिप्पणियों से धमकाने का काम किया जाता हैं।गौरतलब है कि प्रार्थनी अर्चना मिश्रा ने सर्वोच्च  न्यायालय के निर्णय कि कामकाजी महिलाओं के लैंगिक समानता के अधिकार के संरक्षण और प्रवर्तन के लिए सभी कार्यस्थलों पर उपरोक्त दिशानिर्देशों और मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाएगा। ये निर्देश कानून में बाध्यकारी और लागू करने योग्य होंगे जब तक कि क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए उपयुक्त कानून नहीं बनाया जाता।  इन रिट याचिकाओं का निपटारा किया जाता है। लेकिन यहां पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सरासर उल्लंघन देखा जा रहा है।

उन्होंने यूपीसीए के सचिव से अनुरोध किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का तत्काल अनुपालन करते हुए तदनुसार एक समिति का गठन करें तथा यूपीसीए महाप्रबंधक  रीता डे द्वारा की गई अनुचित टिप्पणियों/चरित्र हनन के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करते हुए न्याय प्रदान करें।इस मामले पर एपेक्‍स सदस्‍य अर्चना मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक संघ के भीतर चल रहे विवादों के चलते उन्‍होंने  पुलिस को अपनी सुरक्षा के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। जिसपर विभाग की ओर से सुरक्षा व्‍यवस्‍था मुहैया करवा दी गयी है।अब वह10 को होने वाली बैठक में जांच अधिकारी उत्‍तम प्रसाद केसरवानी के साथ पूूूरी सुरक्षा व्‍यवस्‍था के बीच बैठक में शामिल होने को रवाना होंगी। 

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