September 8, 2024

संवाददाता।
कानपुर। अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के हर जिले से बेहतरीन प्रतिभाशाली क्रिकेटर तराशने वाले चयन समिति के सदस्य और मुखिया रहे अमरीश गौतम को पहले सीनियर से जूनियर कमेटी का सदस्यं बनाया गया लेकिन उससे भी लोगों का पेट नही भरा तो इस बार की चयन प्रक्रिया से ठीक 5 से 6 दिन पहले उन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। माना यह जा रहा है कि जूनियर समिति का चेयरमैन कपिल पाण्डेय को नियुक्त किये जाने की मंशा के चलते अमरीश को उनके पद से हटा दिया गया। वह भी तब जब वह चयन प्रक्रिया में शिरकत करने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर चुके थे। ये कहना भी गलत नही होगा कि उन्हे बैरंग लौटाने की तैयारी संघ के भीतर पूरी हो चुकी थी।बतातें चलें कि बीते साल ही अमरीश गौतम को सीनियर से हटाकर जूनियर चयन समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। क्रिकेट जगत में चर्चा है कि सीनियर समिति को भी जब पूरी तरह से भंग किया जा चुका था तो चेयरमैन के साथ एक सदस्य को पुन जगह क्यों दे दी गयी। उस समिति में तो चेयरमैन के साथ उस सदस्य को बदला ही नही गया। यूपीसीए के सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक जूनियर समिति के नए नवेले चेयरमैन से दिल्ली में बैठे अघोषित आका की नजदीकी काफी हद तक मायने रखती है। गौरतलब है कि बीते साल चयनकर्ताओं पर खिलाडियों से रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए थे जिस पर पारदर्शिता दिखाते हुए यूपीसीए की एपेक्स कमेटी की बैठक में हुए निर्णय के बाद दोनों पुरुषों व महिलाओं की चयन समिति को पूरी तरह से भंग कर दिया गया था। अब इस बार जूनियर चयन समिति के चेयरमैन अमरीश गौतम के खिलाफ यूपीसीए ने ऐसा क्या पा लिया जिसे चयन प्रक्रिया के शुरु होने से थोडे दिन पहले ही हटा दिया गया। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के मुताबिक अण्डर-19 की चयन प्रक्रिया से ठीक दो दिन पहले ही पूर्व चेयरमैन अमरीश गौतम को कानपुर आने से यह कहकर मना कर दिया गया कि संघ को उनकी सेवाओं की आवश्यकता ही नही है। जबकि उनके कार्यकाल में सीनियर से लेकर जूनियर स्तर के खिलाडियों का चयन खरे पैमाने पर किया जा रहा था। उनको इस पद से हटाने का कारण समझ से परे है। इस बारे में संघ के मीडिया कमेटी के चेयरमैन मोहम्मंद फहीम से फोन पर बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने पल्ला झाड लिया।

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