कानपुर। भेड़ चराने गए युवक का नदी के किनारे चलते समय अचानक से पैर फिसलने के कारण गंगा में गिर गया। गंगा में गिरे युवक के जब तक बचाया जाता वह मौत के मुंह में समा चुका था। बहाव काफी तेज होने के कारण युवक खुद को बचाने के लिए काफी कोशिश करता रहा, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। युवक को डूबता देख आसपास मौजूद लोगों ने गोताखोरों को सूचना दी। गोताखोर मौके पर पहुंचे और गंगा में छलांग लगा दी, लेकिन कोई भी उसकी जान नहीं बचा सका। लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाल सके।कानपुर देहात के रसूलाबाद निवासी उमाशंकर (37) भेड़ चराने का काम करता था। परिवार में पिता रामकिशन, पत्नी शीलम, बेटी सृष्टि और बेटा अर्पित है। एक महीना पहले पिता रामकिशन के साथ उमाशंकर भरुआ गांव में रहकर भेड़ चराने के लिए आया था। यहां पर पिता पुत्र मिलकर भेड़ चराते थे।पिता रामकिशन के मुताबिक मंगलवार की शाम हम लोग भेड़ चरा रहे थे तभी भेड़ का एक बच्चा बीमारी के कारण मर गया। उस बच्चे को गंगा में प्रवाहित करने के लिए उमाशंकर गए हुए थे तभी उनका वहां पर पैर फिसल गया और वह लहरों के बीच में समा गए।रामकिशन के मुताबिक उमाशंकर ने अपने बचाव के लिए कई बार बचाव बचाव करके चिल्लाया, लेकिन उस समय आसपास कोई भी गोताखोर नहीं मौजूद था। चिल्लाने की आवाज सुन गांव के लोग दौड़े और उन्होंने गोताखोरों को इसकी जानकारी दी।गोताखोर भी मौके पर पहुंचे और गंगा में छलांग लगाकर ढूंढना शुरू कर दिया। करीब 1 घंटे बाद गोताखोरों ने उमाशंकर का शव बरामद कर लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचायत नामाभर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।