कानपुर। ध्यान से कार्य के प्रति बहुत जल्दी केन्द्रित करने में सफलता प्राप्त होती है, यही नही मन और शरीर को शांत करने के लिए ध्यान से बड़ा कोई योग नहीं है। उपरोक्त विचार दयानंद दीनानाथ ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के निदेशक और योग गुरु योगेश कुमार सचान ने एक मेडिटेशन कार्यशाला के उदघाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि गारंटी से कहा जा सकता है कि ध्यान से कोई कीमती चीज नहीं हो सकती है। डीडीईसी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित तीन दिवसीीय ध्यान कार्यशाला के दौरान उन्होंने ध्यान विषय पर बोलते हुए सुबह दस मिनट ध्यान से शुरुआत करने के बाद देखा जा सकता है शरीर पूरे दिन सक्रिय और ऊर्जा से भरपूर रहता है। बहुत आसान है। बस आपको एक विचार लेना होता है कि दिव्य प्रकाश का स्रोत आपके हृदय में पहले से मौजूद है।ध्यान के दौरान एक के बाद एक विचार आएंगे, बस हमें उनमें उलझना नहीं है और रोकने का प्रयास करना है। बिन बुलाए महमान की तरह ध्यान के दौरान आने वाले विचारों के साथ व्यवहार करना है। रिटायर्ड मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हार्टफुलनेस ध्यान हमारे मस्तिष्क को संवर्धित करता है। तनाव को कम कर ब्रेन को विषय वस्तु पर केंद्रित करने में मदद मिलती है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नियमित ध्यान बहुत सहायक है।कार्य को कल पर टालने के बजाय ध्यान का अभ्यास आपका तुरंत मूड बना देता है।आत्मकेंद्रित, संतुलन और अंदर-बाहर खुद से जुड़ाव की दशा को प्रदान करने के साथ साथ ध्यान का अभ्यास ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।