कानपुर। पहाड़ों पर हो रही मूसलाघार बारिस और कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से अब यमुना नदी का जलस्तर उफान की ओर बढ चला है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से प्रशासन अलर्ट हो गया है। पुलिस प्रशासन ने बुधवार की देर रात तक नदी किनारे गांव में एनाउंस करवाकर लोगों को नदी किनारे से दूर सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा है। वहीं एसडीएम ने पहुंचकर जायजा लिया है।बुधवार को पूरा दिन को यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा जिसे देख पुलिस प्रशासन नदी किनारे स्थित गांवों में पहुंचा। उन्होंने माइक के जरिए एनाउंस करवाकर लोगों को यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की जानकारी दी। इसके साथ ही लोगों को अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रखने की सलाह दी है। वहीं लोगों को नदी किनारे जाने से रोका गया है।बीते दिनों बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बेतवा के साथ ही यमुना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के तटवर्ती गांव स्थित कटरी, काटर, गड़ाथा, अमिरतेपुर, कोटरा मकरंदपुर, बीरबल का अकबरपुर, बीबीपुर, रामपुर, असवारमऊ, लहुरीमऊ, संभुई समेत तमाम गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। जिसको लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। यमुना तटवर्ती क्षेत्र के किसानो का चेहरा जलस्तर बढ़ने से मुरझा गया है। किसानो को अब चिंता सता रही है, कि जलस्तर बढ़ने से खेतों में बोई हुई उनकी फसल खराब हो जायेगी। बीते वर्ष भी जलस्तर बढ़ने से सैकड़ो बीघा फसल बर्बाद हो गई थी। तहसील स्तर से किसानो को मुआवजा दिया गया था।घाटमपुर एसडीएम यादुवेंद्र सिंह वैश्य ने यमुना तटवर्ती स्थित गांवों में पहुंचकर जायजा लिया, इसके बाद यमुना नदी के किनारे पहुंचे। यहां पर उन्होंने नदी का बढ़ रहे जलस्तर की जानकारी जुटाई। साथ ही लोगो को सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा।घाटमपुर तहसीलदार लक्ष्मीनारायण वाजपेई ने बताया की यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की जानकारी मिलते लेखपाल को अलर्ट कर दिया गया है। वही प्रशासन के द्वारा माइक के जरिए एनाउंस करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा गया है। सभी स्थितियों से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।