March 11, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर ने मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के सहयोग से दो दिवसीय ड्रोन और स्वायत्त प्रणालियों पर क्षमता मूल्यांकन कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में सरकारी संगठनों, सशस्त्र बलों, उद्योग और शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों से 44 प्रतिष्ठित  लोगों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला में एमपीआईडीएसए, उत्तर प्रदेश सरकार, सीएसआईआर-एनएएल, डीजीसीए, एनएक्यूएएस, डीजीक्यूए, एडीबी, वायुसेना, सेना, नौसेना, गृह मंत्रालय, डीएसीआईडीएस, एडीई, बीएसएफ, डीआरडीओ और ड्रोन प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में काम करने वाले स्टार्टअप के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के भारत के रणनीतिक लक्ष्य के साथ तालमेल बिठाते हुए ड्रोन डिजाइन, विकास, परीक्षण, प्रमाणन और प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना था।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि भारत का लक्ष्य ड्रोन तकनीक का वैश्विक केंद्र बनना है, जिसके लिए सरकार का मजबूत समर्थन इस विजन को आगे बढ़ा रहा है। प्रमाणन, परीक्षण और अनुसंधान एवं विकास इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
आईआईटी कानपुर के पास इन प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए बुनियादी ढांचा है, जिसमें एक हवाई पट्टी, उड़ान प्रयोगशाला और प्रोटोटाइपिंग सुविधाएं शामिल हैं जो परिसर में ड्रोन डिजाइन और उत्पादन में मदद कर सकती हैं।
मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के महानिदेशक राजदूत सुजान आर. चिनॉय ने कहा कि दो दिवसीय विचार-विमर्श में ड्रोन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए आवश्यक सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बीच नीतिगत प्रोत्साहन और सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
चर्चा तीन प्रमुख फोकस क्षेत्रों के इर्द-गिर्द रही। पहली बुनियादी ढांचा विकास, दूसरी प्रौद्योगिकी विकास और एकीकरण और तीसरी पारिस्थितिकी तंत्र विकास।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए, आईआईटी कानपुर एक प्रमुख शोध संस्थान और ड्रोन तकनीक का एक प्रमुख केंद्र है। यहां का सेंटर ऑफ एक्सलेंस राज्य और देश दोनों के लिए गर्व की बात है। रक्षा के अलावा ड्रोन के कई अन्य अनुप्रयोग हैं, जिनमें कृषि, सर्वेक्षण और यातायात प्रबंधन आदि शामिल हैं।
प्रतिभागियों को आईआईटी कानपुर की अत्याधुनिक ड्रोन अनुसंधान और परीक्षण सुविधाओं का निर्देशित दौरा कराया गया।
इसमें स्मार्ट सिस्टम और संचालन प्रयोगशाला, फ्लाइट लैब, यूएवी लैब, ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, हेलीकॉप्टर और वीटीओएल लैब, नेशनल विंड टनल सुविधा, ईएमआई, ईएमसी सुविधा और सी3आई सेंटर की खूबियों को जाना गया।