April 29, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
घाटमपुर, पतारा और भीतरगांव ब्लॉक की तीन ग्राम पंचायतों में अधिकारियों की बिना स्वीकृति और टेंडर निकाले 70 फीसदी तक निर्माण कार्य करा लिया गया था। 

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने निर्देश पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की टीम ग्राम पंचायत पहुंची तो पूछताछ में प्रधान सचिवों ने निर्माण कार्य की जानकारी होने से इंकार कर दिया।
इस पर उस कार्य को श्रमदान घोषित करके तीनों स्थलों के निर्माण की लागत से करीब 20 लाख रुपए की धनराशि काटने के निर्देश दिए गए। वहीं संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान, सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
जिले के पांच ब्लॉकों की 12 ग्राम पंचायतों में 12 अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण कराया जाना है। एक अंत्येष्टि स्थल के निर्माण में करीब 23 से 24 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। जिले से जमीन चिह्नित होने के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। शासन से मंजूरी मिलने बाद फरवरी माह में बजट जारी हो गया, जो ग्राम पंचायतों को भेज भी दिया गया।
कार्य शुरू होने से पहले ग्राम पंचायतों को तकनीकी स्वीकृति लेनी पड़ती है। इसके बाद टेंडर जारी कर फर्म चयनित होती है जो कार्य कराती है। लेकिन घाटमपुर ब्लाक के सरगांव और पतारा ब्लाक के बलहपारा कला और भीतरगांव ब्लाक के बेहटा बुजुर्ग ग्राम पंचायत में नियमों को ताक में रखकर निर्माण कार्य पहले ही शुरू करा दिए गए।
इसकी शिकायत को संज्ञान में लेकर डीएम जितेंद्र प्रताप ने जांच बैठा दी थी। जिसमें मामला सही पाया गया था। डीपीआरओ ने प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया तो सभी ने कार्य की जानकारी होने से मना कर दिया। जिसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता और तकनीकी सहायक को निर्माण कार्य के आकलन के लिए मौके पर भेजा गया।
मामले में डीपीआरओ मनोज कुमार ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करके कार्य कराया गया था। निर्माण की लागत का आकलन कराकर उतने कार्य को श्रमदान घोषित कर दिया गया है। पतारा ब्लाक की बलहापारा कलां में 55 फीसदी कार्य होने पर 9.14 लाख, घाटमपुर ब्लाक की सरगांव ग्राम पंचायत में 70 फीसदी कार्य होने पर 9.87 लाख का कार्य पूरा हुआ।
वहीं भीतरगांव ब्लाक के बेहटा बुजुर्ग में सिर्फ कॉलम खड़े करने के लिए सिर्फ गड्ढे खोदे गए। जिसपर 43 हजार रुपये खर्च का मूल्यांकन किया गया। कुल 20 लाख रुपए का निर्माण कार्य श्रमदान घोषित किया गया है।