
संवाददाता
कानपुर। सचेंडी में पटाखा बनाते समय विस्फोट हो गया। इस दौरान एक अधेड़ के हाथ का पंजा उड़ गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। विस्फोट की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो दंग रह गए। अधेड़ अकील लहूलुहान हालत में जमीन पर पड़े कराह रहे थे। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे परिवार के लोगों ने उन्हें पहले एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया, लेकिन हालत गंभीर होने के चलते उर्सला रेफर कर दिया गया।
सचेंडी कस्बा के बिरारा गांव में रहने वाले 52 साल के अकील पत्नी गुलशन और चार बच्चों के साथ रहते हैं। पेशे से तो वह कबाड़ का काम करते हैं, लेकिन दीपावली पर पटाखों का भी काम करते हैं। गांव के लोगों ने बताया कि कब्रिस्तान के पास जंगल के इलाके में शाम करीब 7 बजे के आसपास अकील मौजूद था, उसी समय एक तेज आवाज के साथ विस्फोट हुआ। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों की मानें तो धमाका इतनी तेज था कि अकील के एक हाथ का पंजा उड़ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके साथ ही जमीन पर करीब एक फिट तक गड्ढा हो गया था।
विस्फोट होने की सूचना यूपी-112 के माध्यम से पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को कल्याणपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उर्सला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। उर्सला में अकील का इलाज करा रहे परिजनों ने बताया कि खाना बनाने के दौरान प्रेशर कुकर फटने से हादसा हुआ है। बम बनाने के दौरान विस्फोट होने की बात से परिजनों ने इंकार किया है।
सचेंडी इंस्पेक्टर दिनेश सिंह बिष्ट के मुताबिक बम फटने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी, हालांकि वहां कोई नहीं मिला। मामले की जांच की जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जहां पर विस्फोट हुआ वहां पर बम बनाने के साक्ष्य मिले हैं। मौके पर बारूद, सुतली बम के अवशेष, जली हुई प्लास्टिक, पुआल का ढेर, पॉलीथीन, गिट्टी व मौरंग मिला है। इससे एक बात तो साफ हो गई कि वह बम बनाने का काम कर रहा था। उधर मामले की जानकारी के बाद पुलिस अकील के घर पर जांच करने के लिए गई तो ताला बंद मिला।
वहीं, दूसरी तरफ उर्सला के डॉ. सपन गुप्ता ने बताया कि अकील का शरीर करीब 80 फीसदी झुलसा हुआ है। इतना ही नहीं शरीर की कई हडि्डयां भी टूटी हैं। झुलसने की वजह से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। अकील अभी गंभीर हालत में है।