
आ स. संवाददाता
कानपुर। पुलिस कमिश्नर ऑफिस में गुरुवार को जमकर ढोल-नगाड़े बजे। सैकड़ों ढोल वाले नाचते-गाते वहाँ पहुंचे और पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार को धन्यवाद दिया। पुलिस कमिश्नर भी इसकी वजह जानकर दंग रह गए। ढोल वालों ने बताया कि डीजे वालों पर ताबड़तोड़ एक्शन के बाद से अब उनका काम-धंधा तेजी से बढ़ गया है। शादी के सीजन में धड़ाधड़ बुकिंग्स शुरू हो गई हैं।
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि सीएम और हाईकोर्ट के आदेश के बाद मानक के विपरीत डीजे और साउंड बजाने वालों के खिलाफ रामनवमी पर एक्शन लिया गया था।
शहर के अलग-अलग थानों में 15 से ज्यादा डीजे संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद से लाउड स्पीकर वालों की डिमांड मार्केट में घट गई है। इसकी वजह से पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल, नगाड़ा, शहनाई आदि जो समय के साथ विलुप्त होने की कगार पर थे। एक बार फिर से उनकी मांग होने लगी है। अब फिर से ढोल-नगाड़े वाले समाज में अपनी पहचान बना रहे हैं। इन वाद्य यंत्रों के पुनः प्रचलन में आने से न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजीवनी मिली है, बल्कि इनसे जुड़े हुए गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलने लगे हैं।
इस बारे में पारम्परिक वाद्य यंत्रों से जुड़े विभिन्न समूहों के कलाकार पुलिस कमिश्नर ऑफिस बधाई देने पहुंचे थे।
नगाड़ा कमेटी ग्वालटोली के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने पत्र देकर धन्यवाद ज्ञापित किया।
पुलिस कमिश्नर ने सभी का धन्यवाद जताया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि परंपरागत संगीत का महत्व पुनः बढ़ा है। इससे कलाकारों को सम्मान के साथ आजीविका चलाने का अवसर मिल रहा है। कमिश्नरेट पुलिस इसको अभिव्यक्ति के सम्मान की दृष्टि से देखती है। हम यह विश्वास दिलाते है कि भविष्य में भी जनहित में इस प्रकार के अभियान निरंतर जारी रहेंगे। पुलिस का उद्देश्य न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना है। बल्कि सांस्कृतिक संरक्षण और आमजन के स्वास्थ्य की रक्षा भी उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है।