कानपुर। शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात सुनील बाबू की कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होते ही उसके फरार होने की खबर आ गयी। कर्नलगंज थाने की पुलिस ने घर और नजदीकियों के यहां दबिश दी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल सका। फरार क्लर्क सुनील बाबू की तलाश में पुलिस की कई टीमें छापेमारी कर रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ कोर्ट ने आरोपी डीआईओएस मुन्नीलाल की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया कि कानपुर में फर्जी तरीके से 9 शिक्षकों की नियुक्ति अलग-अलग इंटर कॉलेजों में की गई थी। मामले की जांच की तो सामने आया था कि एक सिंडीकेट ने निदेशालय की मिलती-जुलती फर्जी ई-मेल आईडी से कानपुर डीआईओएस को ई-मेल भेजकर कानपुर के अलग-अलग इंटर कॉलेजों में 9 शिक्षकों की नियुक्ति करा दी थी। मामले में कर्नलगंज थाने की पुलिस 7 आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेज चुकी है।कानपुर डीआईओएस सकेंड चुन्नी लाल और उनका क्लर्क सुनील बाबू भी फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी हैं। दोनों ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद चुन्नीलाल की अग्रिम जतानत याचिका स्वीकार कर ली, लेकिन क्लर्क सुनील बाबू की खारिज कर दी है। सुनील बाबू के पास ऑनलाइन घूस लेने से लेकर तमाम सारे इस तरह के साक्ष्य हैं। जिससे साफ होता है कि सुनील की शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्तता थी।कर्नलगंज पुलिस अब सुनील बाबू की अरेस्टिंग के लिए शुक्रवार को उसके घर और कई नजदीकियों के यहां छापेमारी की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। सुनील घर छोड़कर फरार हो गया है। एसीपी ने बताया कि आरोपी क्लर्क सुनील की तलाश में पुलिस की टीमों को लगाया गया है। जल्द ही अरेस्टिंग करके जेल भेजा जाएगा।