March 10, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
जूही बंबुरहिया व अफीमकोठी राखीमंडी क्षेत्र में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिये अधिकारियों का मंथन जारी है। यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित जल मुहैया कराने के लिये विकल्पों पर चर्चा हो रही है।जलकल द्वारा शोधित गंगा का पानी पाइप लाइनों के द्वारा क्षेत्र में पहुंचाना ही सही विकल्प माना जा रहा है। इसके लिये जेएनयूआरएम योजना के तहत क्षेत्र में पूर्व में पड़ी पाइप लाइनों को क्रियाशील करने की कवायद जारी है, लेकिन इसमें अभी कुछ समय लगेगा।
ऐसे में अब जलकल विभाग यहां के लोगों को शुद्ध जल देने के लिये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की तैयारी में है। इसके लिये जलकल विभाग ने ऐसे प्लांट बनाने वाली विशेषज्ञ कंपनी आयन एक्सचेंज से संपर्क किया है।
जूही राखी मंडी, जूही बंबुरहिया की आबादी 6 से 7 हजार है। इसमें अफीम कोठी राखी मंडी में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 4-5 हजार है। दोनों ही स्थानों पर भूजल दूषित पाया गया है। जलकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार यहां हर व्यक्ति पर प्रतिदिन 7 लीटर पीने के पानी की मांग है।
पूर्व में यहां जेएनएनयूआरएम योजना के तहत गंगा बैराज से गंगा नदी का शोधित सतही जल उपलब्ध कराने के लिए पेयजल वितरण लाइन बिछाई गई थी, जो वर्तमान में क्रियाशील नहीं है। लाइन को शुरू करने की दिशा में कार्य चल रहा है।
लेकिन गर्मी की दस्तक से यहां पानी की मांग बढ़ेगी। जिस पर शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए जलकल विभाग ने मंडलायुक्त की समीक्षा बैठक में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का सुझाव दिया है।
जलकल जीएम आनंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भूगर्भ जल के परीक्षण में मानक से अधिक मरकरी, आयरन, नाईट्रेट, सल्फेट, हार्डनेस, टीडीएस पाए गये हैं। जिसको दूर करने के लिये हानिकारक तत्वों के रिमूवल के लिये सक्षम तकनीक का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा सकता है।
जलकल जीएम ने समीक्षा बैठक में कहा है कि ऐसे प्लांट बनाने वाली विशेषज्ञ कंपनी आयन एक्सचेंज से संपर्क किया गया है, और प्लांट में लगने वाले अनुमानित खर्च और चलाने में आने वाले खर्च का ब्योरा कंपनी से मांगा गया है।