December 22, 2024

कानपुर। रिजर्व बैंक का गर्वनर बनके शातिर ठगों ने एक एनआरआई डॉक्टर से 80 लाख रुपए की साइबर ठगी कर डाली। हाई प्रोफाइल मामला सामने आने से साइबर थाने के महकमे ने मुकदमा दर्ज करके जांच भी शुरू कर दी है। यही नही साइबर ठगों ने एनआरआई डाक्‍टर को भारत की सीबीआई  और अमेरिका की एफबीआई  का लेटर जारी करके ठगी को अंजाम देने की हिम्‍मत दिखायी फिर 80 लाख रुपए तीन खातों में ट्रांसफर करा लिए। ठगी का अहसास होने पर डॉक्टर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।काकादेव थाना क्षेत्र के गीता नगर में रहने वाले संजय टंडन ने बताया कि उनके साथ अमेरिका से लौटकर आए 85 वर्षीय बुजुर्ग चाचा डॉ. रमेश चंद्र टंडन रहते हैं। वह अमेरिका में डॉक्टर थे, लेकिन कुछ समय से उनके पास ही हैं। रमेश चंद्र टंडन के मोबाइल पर बीते 25 अगस्त को एक वॉट्सऐप कॉल आई थी। फोन करने वाले अजय बंसल नाम के व्यक्ति ने बताया कि आपके खिलाफ इंटरनेशनल मनी लांड्रिंग का केस चल रहा है। इसकी जांच सीबीआई  कर रही है, इसके जांच अधिकारी आईपीएस राहुल यादव हैं। यह लेटर सीबीआई ऑफिसर विराज कुमार की ओर से जारी किया गया था। इसके बाद जांच पत्र भी वॉट्सऐप पर भेज दिया। इससे डॉक्टर और उनका परिवार दहशत में आ गया।डॉ. रमेश ने बताया- 26 अगस्त को फिर से वॉट्सऐप कॉल आया और कहा कि आपका बैंक अकाउंट वेरिफाई किया जाना है। इस संबंध में आपको बैंक जाना होगा। उन्होंने कहा कि मैं चलने-फिरने में असमर्थ हूं। मेरे भतीजे संजय टंडन का ज्वाइंट अकाउंट है। बैंक का सारा काम-काज वही देखते हैं।27 अगस्त को फिर कॉल की और कहा कि फोन मत काटना और बैंक पहुंचने को कहा। इस दौरान आरबीआई का भी एक पत्र भेजा। कहा कि जब तक जांच होगी यह रकम सरकार की अंडर टेकिंग में रहेगी और कुल जमा धनराशि का 30 प्रतिशत 25 लाख 43 हजार विन पावर एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में चेक से जमा कराया।28 अगस्त को फिर से सीबीआई के जांच अधिकारी का फोन आया और दोबारा भारत सरकार यानी अशोक की लाट लगा लेटर जारी करके फिर से जमा धनराशि का 30 प्रतिशत यानी 25 लाख 43 हजार रुपए फ्रोजेनमन वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक के चालू अकाउंट में जमा कराया।फिर 29 अगस्त को फिर से कॉल करके इसी तरह 30 लाख रुपए और चेक से ट्रांसफर कराए। इसके बाद 30 अगस्त को सीबीआई और एफबीआई के नाम पर जांच पत्र जारी किया। इसके बाद ठगों ने विश्वास जमाने के लिए ट्रांसफर कराई गई रकम 80.86 लाख में से 2.70 लाख रुपए मेडिकल अलाउंस के नाम पर वापस भी किया।ठगी के शिकार बुजुर्ग डॉक्टर के भतीजे संजय टंडन ने बताया-3 सितंबर को फिर से ठगों की वॉट्सऐप कॉल आई। कॉल करने वाले ने न्यूयार्क सिटी बैंक में जमा 50 प्रतिशत धन मंगाने का प्रयास किया और धमकाते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर आपके 80 लाख रुपए सीबीआई जब्त कर लेगी।इस पर संदेह हुआ कि अमेरिका की सिटी बैंक में जमा धनराशि एसबीआई कानपुर में ट्रांसफर करने की कोई प्रक्रिया नहीं है। इस पर उन्हें संदेह हुआ। इसी बीच दोबारा सीबीआई के जांच अधिकारी राहुल यादव ने न्यूयार्क सिटी बैंक में जमा रकम का 50 प्रतिशत एसबीआई में ट्रांसफर कराने का दबाव बनाया। मना करने पर धमकी दी कि आपकी पूरी रकम जब्त कर ली जाएगी।न्यूयार्क में जमा धनराशि को एसबीआई में ट्रांसफर नहीं करने पर बुजुर्ग डॉक्टर ने नंबर पर कॉल आई। बात करने वाले व्यक्ति ने खुद को आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास बताते हुए कहा कि यदि आप मिस्टर यादव के दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो आपके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। आपकी संपूर्ण चल-अचल संपत्ति सीबीआई जब्त कर लेगी।इस पूरी घटना के बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस कमिश्नर ने फौरन साइबर सेल को मामले में एफआईआर दर्ज करके मामले में जांच करने का आदेश दिया। शनिवार यानी 7 सितंबर को पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।बुजुर्ग डॉक्टर अमेरिका में रहकर प्रैक्टिस करते थे। अभी वह भारत में अपने भतीजे संजय के साथ रहते हैं। ठगों को इनके खाते में करोड़ों रुपए होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने फर्जी सीबीआई और एफबीआई का लेटर जारी करके दबाव में लिया। एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर, ने बताया- पीड़ित डॉक्टर ने पूरे जीवन अमेरिका में प्रैक्टिस की और वहां के खाते में भी करोड़ों रुपए जमा है। कॉल करने वाले को यह सब जानकारी थी। इस वजह से डॉक्टर ने दबाव में आकर 80 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया। मामले में एफआईआर दर्ज करके ठगों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।