July 1, 2025

–9 साल में 16 किलोमीटर का सफर तय किया है कानपुर मेट्रो ने।

कानपुर। कानपुर मेट्रो रेल की सेवा शहर वासियों को 31 मई की सुबह 6 बजे से मिलना शुरू हो जाएगी। हालांकि कानपुर मेट्रो अपने निर्धारित समय से लगभग ण्क् साल से भी ऊपर की देरी से चल रही है। आईआईटी से लेकर कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन तक का सफर है तो महज 16 किलोमीटर का लेकिन मेट्रो की स्पीड अपने नाम के मुताबिक नहीं चल सकी और उसे स्टेशन तक पहुंचने में 9 साल लग गए। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर मेट्रो रेल के विस्तारण को  सीएसए से हरी झंड़ी दिखाएंगे तो मेट्रो अगले 5 भूमिगत स्टेशनों के लिए आगे बढ़ जाएगी। आईआईटी से लेकर कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन तक पहुंचने में उसे 9 एलिवेटेड और 5 भूमिगत स्टेशनों को पार कर पहुंचना होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले 28 दिसंबर 2021 को ही आईआईटी से मोतीझील तक चलने वाली मेट्रो ट्रेन सेवा का शुभारंभ भी किया था। पहले कॉरिडोर 32.5 में का निर्माण कार्य पूरा होना है। अब स्टेशन तक कानपुर मेट्रो का सफर नौबस्ता गल्ला  मण्डी तक बढेगा। आईआईटी से सेन्ट्रल स्टेशन तक चलने वाली कानपुर मेट्रो ट्रेन को साल 2023 के अन्त या फिर 2024 के शुरुआत में यात्रियों को बिठाकर नगर की सैर करानी थी उसका कार्य लगभग एक साल से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद पूरा किया जा सका है। बीते साल 2024 के नवंबर महीने तक शहर में अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने का वादा करने वाली मेट्रो सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचने में ही एक वर्ष लेट हो चुकी है।  मेट्रो के आईआईटी से सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचने में लगातार देरी के पीछे  के कारणों में जमीन अधिग्रहण का मामला मुख्य रूप से और इसके अलावा रेलवे की जमीन पर कब्जा मिलने में देरी भी शामिल हैं। हालांकि अब ट्रेन कानपुर सेन्ट्रल तक मई 2025 में यात्रियों को ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।जून 2023 में मेट्रो के अधिकारियों ने पहली बार यह घोषणा की थी कि वह लोकसभा चुनाव के पहले फरवरी 2024 तक सेंट्रल स्टेशन तक ट्रेन चला देंगे। कई बार अपनी तारीख बदलने वाला मेट्रो अब मार्च 2025 में सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचने की बात कह रहा है। 31 मई 2023 को मोतीझील स्टेशन पर एक कार्यक्रम में पहुंचे उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के महाप्रबंधक आपरेशन स्वदेश कुमार ने सबसे पहले कार्यक्रम में मौजूद लोगों के सामने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन को चला दिया जाएगा। यही नही उन्होंने फरवरी 2024 तक ट्रेन सेंट्रल तक पहुंचाने की बात कही थी लेकिन उसके बाद से मेट्रो की ट्रेन लगातार लेट होती चली गई। लोकसभा चुनाव गुजरे भी लगभग 12 महीने से अधिक का समय बीत चुका है। इसके बाद पहले जुलाई 2024, फिर नवंबर 2024 और 2025 में मकर संक्रांति से पहले, फरवरी 2025 में सेंट्रल तक ट्रेन चलाने की बात कही गई लेकिन हर बार मेट्रो की बात सिर्फ वादा बनकर रह गई थी। बताते चलें कि साल 2016 की 4 अक्टूबर को कानपुर मेट्रो के कार्य का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था लेकिन सरकार बदलने से कार्य थोडे दिनों के लिए रोक दिया गया था। कानपुर मेट्रो कारपोरेशन के जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 16 किलोमीटर का सफर अब लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने में महत्ती भूमिका निभाएगा।

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