
संवाददाता
कानपुर। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित हजरतपुर कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में क्लस्टर कृषकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया।
इस कार्यक्रम में केंद्र के प्रभारी डॉ. ओमकार सिंह ने कृषकों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती के मॉडल के विषय पर बताया कि प्राकृतिक खेती मॉडल के माध्यम से वर्ष भर आय होती रहती है। इसके आच्छादन से मृदा में लगातार जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ती रहती है। जो खेती के लिए बहुत उपयोगी है।
वरिष्ठ प्राविधिक सहायक सर्वेश कुमार ने प्रशिक्षण के दौरान फसल उत्पादन प्रणाली पर विस्तार से बताते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती के सात सूत्रों न्यूनतम जुताई, आच्छादन, सूक्ष्म सिंचाई, फसल चक्र, सह फसली, रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करना, और रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग न करना आदि है।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. नौशाद आलम ने बताया कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से रसायन मुक्त फसल का उत्पादन किया जा सकता है, जो गोमूत्र और गाय के गोबर से किया जाता है।
वरिष्ठ उद्यान वैज्ञानिक डा. सुभाष चंद्र ने कृषकों को फल, फूल, सब्जी की प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कृषि विभाग के कर्मचारी एवं किसान उपस्थित रहे।