आ स. संवाददाता
कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में जैविक विज्ञान और जैव इंजीनियरिंग विभाग ने तीन दिवसीय पैन-आईआईटी मीटिंग एण्ड कॉन्फ्रेंस ऑन इंजीनियरिंग इन मेडिसिन विषय पर आयोजित सम्मेलन के पहले दिन का समापन किया, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। प्रो. अशोक कुमार और डॉ. राकेश कुमार माझी द्वारा भूपत और ज्योति मेहता फैमिली फाउंडेशन और अन्य भारतीय फंडिंग एजेंसियों के उदार समर्थन से आयोजित इस वर्ष का सम्मेलन स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र: रिजेनरेटिव मेडिसिन, मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड डिजिटल मेडिसिन पर केंद्रित है। इस आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य अंतःविषय टीम विज्ञान परियोजनाओं के माध्यम से इंजीनियरिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करके शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी आईआईटी, आईआईएसईआर और आईआईएससी के बीच सहयोग को मजबूत करना है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव रंजन कुमार ने किया। इस सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें भारत भर के 35 बायोलॉजिकल साइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभागों के प्रमुख, विभिन्न संस्थानों के लगभग 60 संकाय सदस्य, 14 प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ता और 100 से अधिक छात्र और पोस्टडॉक्टरल फेलो शामिल थे।
मुख्य अतिथि रंजन कुमार ने कहा कि मेडिसिन इन इंजीनियरिंग पर यह पैन-आईआईटी बैठक और सम्मेलन हमारे समय की दबावपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अंतःविषय प्रयासों की शक्ति को उजागर करता है, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को नीति निर्माताओं और चिकित्सकों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि प्रभावशाली समाधान निकाले जा सकें। इस तरह की पहल भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बढ़ाने और सभी के लिए सुलभ, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा प्रगति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रो. मणींद्र अग्रवाल निदेशक ने कहा कि मेडिसिन इन इंजीनियरिंग पर यह पैन-आईआईटी मीटिंग और सम्मेलन अंतःविषय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह मंच दुनिया भर के शिक्षाविदों और अनुसंधान क्षेत्र के प्रतिभाशाली लोगों को एक साथ लाता है, इंजीनियरिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देता है, स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान करने के लिए रिजेनरेटिव मेडिसिन, मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड डिजिटल मेडिसिन में परिवर्तनकारी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है।
द भूपत एण्ड ज्योति मेहता फैमिली फाउंडेशन के संस्थापक राहुल मेहता ने कहा बताया कि हमारा फाउंडेशन ऐसे आयोजन का समर्थन करने पर गर्व करता है जो स्वास्थ्य सेवा की बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली लोगों को एकजुट करता है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित सहयोगात्मक प्रयास निस्संदेह परिवर्तनकारी प्रगति की ओर ले जाएंगे, जिससे भारत में स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक उज्जवल भविष्य को बढ़ावा मिलेगा।
प्रो. एल एस शशिधर निदेशक नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज ने कहा कि यह सम्मेलन जटिल चिकित्सा चुनौतियों से निपटने में अंतःविषय सहयोग के महत्व का उदाहरण है। इंजीनियरिंग, जीव विज्ञान और चिकित्सा को एकीकृत करके, इस तरह के मंच अभूतपूर्व समाधानों का मार्ग प्रशस्त करते हैं और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाते हैं।
यह सम्मेलन अभूतपूर्व शोध को साझा करने तथा सहयोगात्मक प्रस्तावों और विनिमय कार्यक्रमों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य कर रहा है, जिसमें 20 पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ताओं की प्रस्तुतियाँ भी शामिल हैं जो अपने देश भारत लौट कर स्वतंत्र शोध समूह स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं।
यह पैन-आईआईटी मीटिंग एण्ड कॉन्फ्रेंस ऑन इंजीनियरिंग इन मेडिसिन, अंतःविषय अनुसंधान को आगे बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा में बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को बढ़ावा देने पर आईआईटी कानपुर के फोकस को दर्शाता है। यह कार्यक्रम दबावपूर्ण चिकित्सा चुनौतियों का समाधान प्राप्त करने के लिए इंजीनियरिंग नवाचारों का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और सहयोगी प्रयासों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को आगे बढ़ाने पर भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है।