October 23, 2024

कानपुर। लोको पायलट की सूझबूझ से प्रेमपुर स्टेशन के पास मालगाडी रेलवे लाइन पर रखे सिलेन्डर से टकरा तो नही पायी लेकिन इससे विभाग की सुरक्षा व संरक्षा का मामला बेहद ही लचीला दिखायी पड गया। रेलवे की सुरक्षा व्यलवस्था की पोल खुल गयी जब रेलवे ट्रैक पर कभी सिलेन्डर तो कभी पत्थरों के टकराने का मामला देखा गया। अगस्त से लेकर 22 सितम्बर के बीच महज डेढ़ माह में तीन बार ट्रेन हादसे का शिकार होने से बच गयी। बीते माह रेलवे ट्रैक पर रखे पत्थर से साबरमती एक्सप्रेस टकरा गयी थी जिससे उसके 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे के बाद यात्री ट्रेन से कूद गए थे। इसी तरह बीते दिनों फर्रुखाबाद रूट पर कालिंद्री एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश की गई। जिसमें ट्रेन से टकराने के बाद सिलेंडर 50 मीटर दूर जा गिरा था। चालक के ट्रेन रोकने पर हादसा टल गया था। इसी तरह रविवार को प्रेमपुर भी रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर रखकर मालगाड़ी को पलटाने की साजिश की गई। अधिकारी हर घटना पर मौके पर पहुंचते, जांच की बात कहकर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का आश्वासन भी देते है। लेकिन तीनों घटना में अभी तक किसने घटना की। इसका कुछ पता नहीं चल सका। पिछले दिनों वाराणसी से अहमदाबाद जा रही 22 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास शनिवार तड़के पटरी से उतर गए थे। हालांकि, इस हादसे में जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं हो सकी थी। उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया था कि यह हादसा तड़के ढाई बजे हुआ। उन्होंने बताया कि साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर और भीमसेन रेलवे स्टेशन के बीच पटरी से उतर गए थे। हालांकि, इस हादसे में किसी के मारे जाने या घायल होने की फिलहाल कोई खबर नहीं है। त्रिपाठी के मुताबिक, ड्राइवर से पूछताछ में पता चला है कि ट्रेन के इंजन से कोई बड़ा पत्थर आ टकराया, जिससे संभवतः यह हादसा हुआ। दूसरी घटना प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंद्री एक्सप्रेस को 9 सितम्बर रात करीब आठ बजे ट्रैक पर सिलेंडर रखकर पलटाने की कोशिश की गई थी। तेज रफ्तार ट्रेन से टकराने के बाद सिलेंडर करीब 50 मीटर दूर जा गिरा। चालक ने ट्रेन रोक दी। ट्रेन वहां करीब 20 मिनट तक खड़ी रही। चालक ने क्रासिंग पर तैनात गेटमैन को मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद रेलवे और पुलिस अधिकारियों को घटना से अवगत कराया गया था। विगत एक माह मे तीन घटनाये हो चुकी है लेकिन रेलवे विभाग अभी भी अंधेरे में तीर चला रहा है।