
संवाददाता 
कानपुर।  उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) में इस बार बदलावों की बयार चली है। वर्षों से संगठन से जुड़े कई ‘वफादार’ चेहरों के साथ कुछ युवा और ऊर्जावान सदस्यों को भी नई भूमिकाएँ सौंपी गई हैं। गुरुवार को कानपुर में आयोजित वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में नए सत्र के लिए पदाधिकारियों की घोषणा की गई, जिसमें यूपीसीए के सबसे बड़े संरक्षक माने जाने वाले निधिपति सिंघानिया को सर्वसम्मति से दोबारा एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया। वहीं, गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन के राकेश मिश्रा को पूर्व टेस्ट खिलाड़ी गोपाल शर्मा की जगह नया उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। संघ के पूर्व सचिव और वर्तमान बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के नजदीकी माने जाने वाले प्रेम मनोहर गुप्ता को सचिव चुना गया है। वहीं, नए आजीवन सदस्य उमर मुस्तफा हसन को संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान की जगह अब संजय कपूर लीग की बागडोर संभालेंगे। 
यूपीसीए की चयन समितियों में भी बदलाव किए गए हैं। घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार को सीनियर चयन समिति का अध्यक्ष बरकरार रखा गया है। समिति के अन्य चार सदस्य रिज़वान शमशाद, आशीष विंस्टन जैदी, मृत्युंजय त्रिपाठी और उत्कर्ष चंद्रा को स्था न दिया गया है।बदलाव की बयार में जूनियर चयन समिति की कमान लखनऊ के कमल कांत कनौजिया को सौंपी गई है, जबकि बृजेंद्र सिंह, रंजीत यादव, अरविंद सोलंकी और जाहिद अली को सदस्य बनाया गया है।महिला क्रिकेट की चयन समिति में लखनऊ की प्रियंका शैली को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके साथ कश्मीरा जैन, श्वेता सिंह, सीमा सिन्हा और चमता श्रीवास्तव सदस्य के रूप में जुड़ी हैं। क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ (सीएएल) की प्रमुख नवनीत सहगल को महिला क्रिकेट गवर्निंग काउंसिल की अध्यक्ष बनाया गया है।लखनऊ क्रिकेट संघ सचिव केएम खान को सलाहकार समिति का संयोजक तथा शिकायत निवारण जिला समिति का सदस्य नामित किया गया है। एसपी सिंह को अंपायर समिति का संयोजक बनाया गया है, जबकि रत्नेश मिश्रा और अभिनव दीक्षित को क्रिकेट प्रतिभा समिति में शामिल किया गया है। फैसल अल्वी को दिव्यांग क्रिकेट समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।यूपीसीए में कुछ नए और युवा चेहरे भी संगठन की कार्यशैली में नई सोच और ऊर्जा लाने के लिए स्था्पित किए गए हैं। खास तौर पर सचिन आनंद शुक्ला की नियुक्ति को एसोसिएशन में पेशेवर दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। वे अपने चाचा राजीव शुक्लान की विरासत को आगे बढाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहेंगे या उनसे अलग अपनी पारी खेलेगें यह समय पर निर्भर होगा। सचिन शुक्ला ने कहा कि वे पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।






