March 13, 2025

—मन्दी और मंहगाई के चलते लगभग 15 प्रतिशत तक गिरी बिक्री।

आ स. संवाददाता 

कानपुर। मन्दी और मंहगाई के चलते इस बार खोए की बिक्री में लगभग 10 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट को देखा जा रहा है। कानपुर की खोवा मण्डी में पिछले साल  करोड़ों का कारोबार दर्ज किया गया था। वहीं व्यापारी इसे लोगों में बढती हुयी शुगर और बीपी की बीमारियों के हवाले से भी देख रहे हैं। इस बार की होली में लगभग 50 से 60 टन तक खोए की खपत का अनुमान लगाया गया है। बीते दस दिनों में नगर की 5 से 6 खोए की मण्डियों में खरीददार जाकर अपनी पसन्द के खोये  की खरीदारी कर रहें हैं। होली में घरों में खोए की गुझिया से लेकर रसगुल्लों समेत कई प्रकार के मिष्ठान बनाए जाते हैं। 

वहीं बीते चार से पांच सालों से मिठाई की दुकानों में गुझिया बिकने से लोगों में खोए को खरीदने की रुचि थोडी कम भी हो चली है। 

कानपुर के हटिया स्थित खोया बाजार मंडी सबसे बड़ी है। यहां से कई जिलों को खोया भेजा जाता है। यहां के व्यापारी राहुल साहू बताते है कि यहां से खोया शहर के अलावा प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर भी जाता ही है जबकि कोलकाता और बिहार के व्यापारी भी यहीं से खोए का कारोबार करते है।  एक अनुमान के मुताबिक इस साल होली पर कारोबार घटा है। जिसमें करीब 50 करोड़ रुपए के आसपास का खोए बाजार का कारोबार माना जा रहा है। वहीं बाजारों में गुझिया में इस बार अलग-अलग वैराइटी, जिनमें चंद्रकला, चॉकलेट की डिमांड काफी देखने को मिली इनकी खूब बिक्री भी हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक, तकरीबन मिठाई की दुकानों से 10 करोड़ रुपए की गुझियों का कारोबार हुआ है। 

खोए के व्यापारी गौरव मिश्रा के मुताबिक बाहर के जिलों में खोए की खपत इससे 3 गुना अधिक हो गई। उन्होंने बताया कि लोग सुबह 8 बजे से ही खोए की खरीदारी के लिए मंडी पहुंच रहे हैं। कानपुर शहर में दानेदार, चिकना और लाल खोए की खपत अधिक है जबकि बाहर के जिलों में लाल चिकने खोए की डिमांड अधिक देखी जा रही है। 

पिछली तीन पीढियों से खोए का काम करने वाले श्याम जी गुप्ता का कहना है कि इस बार मंहगाई के चलते खोए के रेट में बीते साल की अपेक्षा 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुयी है।  उन्होंने यह भी बताया कि अकेले कानपुर नगर में ही 50 से 60 टन खोए की खपत होने का अनुमान है, जो बीते साल की अपेक्षा से कम है। बीते साल लगभग 75 टन खोए की खपत हुयी थी।