आ स. संवाददाता
कानपुर। भाजपा और कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद पर आसीन होने को लेकर हलचल तेज हो गई है। भाजपा की तर्ज पर ही कांग्रेस में भी 3 जिले बनाने की आवाज उठने लगी है। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर आज या एक-दो दिन में लिस्ट जारी हो सकती है।
भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर इस बार जनप्रतिनिधि और संगठन आमने-सामने हैं। भाजपा में अभी तक चली आ रही संगठन प्रथा का अंदरखाने विरोध है। हालांकि इस बार मर्जी विधायकों की चल रही है। मौजूदा पद पर बैठे पदाधिकारी इस प्रक्रिया का खुलकर विरोध कर रहे हैं तो वहीं, जो लोग नए दावेदार है और अभी तक की रणनीति को समझ चुके हैं। वह अपने विधायकों के यहां परिक्रमा करने में जुटे हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार 24-25 जनवरी को कानपुर उत्तर, दक्षिण और ग्रामीण में एक-एक कर जिलाध्यक्षों की सूची जारी हो सकती है। ऐसे में कोई चौकाने वाला नाम सामने आए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कानपुर दक्षिण में लड़ाई सबसे ज्यादा रोचक है। यहां विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना जिलाध्यक्ष बदलने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अपने खास राकेश तिवारी का नामांकन भी कराया है। लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक यहां शिवराम सिंह का पलड़ा ज्यादा भारी है। उनके अच्छे काम को भी देखा जा रहा है। निवर्तमान जिलाध्यक्ष वीना आर्या पटेल भी जिलाध्यक्ष की दौड़ में हैं।
भाजपा उत्तर, दक्षिण और ग्रामीण में 5-5 दावेदारों का पैनल है। 5 में 2 तो हर जिले से वर्तमान और निवर्तमान दावेदार हैं।
उत्तर इकाई में दीपू पांडेय के साथ निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुनील बजाज के साथ संतोष शुक्ला, अनिल दीक्षित और जगदीश तिवारी का नाम है। दीपू पांडेय को अपनी टीम बनाने का मौका नहीं मिल पाया है इसलिये यहां उन्हें फिर से मौका पार्टी दे सकती है।
अंदरखाने पार्टी जिलाध्यक्ष को दिये गये कामों पर भी रिपोर्ट तैयार कर रही है। ऐसे में यहां किसी नये चेहरे को भी पार्टी जिलाध्यक्ष बना सकती है। उत्तर जिलाध्यक्ष में महिला जिलाध्यक्ष बनाकर भी पार्टी दांव खेल सकती है। लेकिन ब्राह्मण जिलाध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है।
भाजपा कानपुर दक्षिण में वर्तमान जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह के साथ यहां 3 अन्य नाम प्रबोध मिश्रा, राकेश तिवारी और पंकज गुप्ता हैं। शिवराम भी अपनी टीम नहीं बना सके थे, काम के मामले में शिवराम सिंह अव्वल रहे हैं कई बार प्रदेश नेतृत्व उनकी पीठ थपथपा चुका है। शिवराम सिंह की जनप्रतिनिधियों में भी ठीक पैठ हैं। कोई विधायक इनके विरोध में भी नहीं है।
ग्रामीण में दिनेश कुशवाहा के साथ निवर्तमान जिलाध्यक्ष कृष्ण मुरारी शुक्ला दावेदार हैं। यहां पैनल के अन्य 3 नामों में उपेंद्र पासवान, पवन प्रताप सिंह और अरुण पाल हैं। यहां भाजपा के सूत्र कहते हैं कि दिनेश कुशवाहा की सीट जाना तय है। काम के आधार पर वह फिसड्डी साबित हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां कोई चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है।
कानपुर कांग्रेस में फिलहाल उत्तर, दक्षिण और ग्रामीण क्षेत्र के अलग-अलग अध्यक्ष हैं। नये संगठन में कानपुर में एक अध्यक्ष होगा या तीन, इसे लेकर मंथन जारी है। पुराने दिग्गज पहले की तरह एक अध्यक्ष चाहते हैं जबकि कुछ युवा नेता दक्षिण में अलग संगठन बनाने के पक्ष में हैं। 10 फरवरी तक नये पदाधिकारी घोषित किए जाने की संभावना है।
कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा के मुताबिक एक लोकसभा क्षेत्र में एक संगठन के प्रारूप पर 75 वरिष्ठजनों के हस्ताक्षर कराकर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को सौंप चुके हैं।
इसमें पूर्व अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री, पूर्व विधायक हाफिज मोहम्मद उमर, ग्रामीण जिलाध्यक्ष अमित पांडे, पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष कृपेश त्रिपाठी, निजामुद्दीन खां आदि शामिल हैं। उनके अनुसार दक्षिण क्षेत्र में पृथक कमेटी बनाने की आवश्यकता नहीं है।
वहीं युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी का कहना है कि दक्षिण क्षेत्र में अलग संगठन से पार्टी को मजबूती मिलेगी। दक्षिण क्षेत्र में संगठन का आकार बड़ा करने के लिए महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र भी जोड़ा जाना चाहिए। दीपक का कहना है कि उत्तर जिला मुस्लिम बाहुल्य एवं दक्षिण ब्राह्मण बाहुल्य होने के कारण दोनों तरफ की राजनीति अलग है।