
संवाददाता
कानपुर। एक साल से फरार चल रहा युवक स्ट्रेचर पर लेटकर हाजिर होने न्यायालय पहुंचा। युवक का पत्नी से पांच सालों से विवाद चल रहा था, जिसमें हाजिर न होने के कारण कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया था। हाजिर न होने पर कुर्की के आदेश जारी कर दिए गए थे। गुरुवार को स्ट्रेचर में लेकर परिजन उसे कोर्ट पहुंचे, जहां उसकी गंभीर हालत देखकर कोर्ट ने उसे जमानत दे दी।
अधिवक्ता विनोद पाल ने बताया कि बर्रा थानाक्षेत्र में रहने वाले युवक की 2018 में चकेरी निवासी युवती से शादी हुई थी। एक सप्ताह बाद युवती पति को छोड़कर अपने मायके चली गई, जिसके बाद ससुराल वापस नहीं लौटी। उन्होंने बताया कि कुछ समय बाद महिला ने पति के खिलाफ अमानत में खयानत व दहेज प्रथा का मुकदमा दाखिल किया। जिसमें आरोप लगाया गया कि ससुरालीजनों ने दहेज में दिए गए कैश समेत 25 से 30 लाख का सामान हड़प लिया है।
मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट–9 की कोर्ट में ट्रायल पर है। अधिवक्ता विनोद पाल ने बताया कि युवक को 2020 में ब्रेन हेमरेज हो गया था, जिसके बाद से वह चलने–फिरने व बात करने में असमर्थ है। उसका लखनऊ पीजीआई में इलाज चल रहा है। जिस कारण वह कोर्ट में पेश नहीं हो पा रहा था। युवक के अधिवक्ता विनोद पाल ने कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट दाखिल की, लेकिन महिला पक्ष ने रिपोर्ट झूठी होने का हवाला दिया।
जिस पर एक साल पहले कोर्ट ने पति के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसके बावजूद हाजिर न होने पर बीते 25 नवंबर को कोर्ट ने पति की संपत्ति जब्तीकरण के लिए कुर्की का नोटिस जारी कर दिया था। पुलिस नोटिस चस्पा करने पहुंची, तो गुरुवार को युवक के परिजन उसे स्ट्रेचर में लेकर कोर्ट में हाजिर कराने पहुंच गए। जिसके बाद कोर्ट ने युवक की जमानत याचिका मंजूर कर ली।






