—रात भर मलबे में दबा रहा युवक

आ स. संवाददाता
कानपुर। एक मकान की छत ढहने से युवक की मौत हो गई। युवक 8 घंटे तक मलबे में दबा रहा। सुबह जब परिवार के लोग उठे तब हादसे का पता चला। परिजन युवक को मलबे से निकालकर हॉस्पिटल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना बर्रा थाना क्षेत्र की है। एक दिन पहले आंधी से पड़ोसी के निर्माणाधीन मकान की दीवार युवक के छत पर गिर गई थी। रात में युवक अपने मकान की पहली मंजिल पर कमरे में सो रहा था। रात में अचानक कमरे की छत उसके ऊपर गिर गई। जिसके मलबे में दबने के कारण युवक की मौत हो गई।
बर्रा दो की ईडब्ल्यूएस डबल स्टोरी केबी-2 कॉलोनी निवासी पुष्पा देवी ने बताया कि उनके पति ओमप्रकाश तिवारी की मौत हो चुकी है। घर में उनका बड़ा बेटा सौरभ, उनकी बहू और छोटा बेटा मोनू तिवारी रहते हैं।
पड़ोसी मनोज शर्मा तीसरी मंजिल पर काम करवा रहे हैं। जब रात में तेज आंधी आई थी। तभी आंधी मे मनोज की निर्माणाधीन दीवार उनके घर की पहली मंजिल पर बने कमरे की छत पर गिर गई। पूरे दिन मलबा पड़ा रहा।
रात करीब 10 बजे पुष्पा का छोटा बेटा मोनू खाना खाने के बाद ऊपर की मंजिल पर बने कमरे में सोने चला गया। इसी बीच रात करीब 11 से 12 के बीच में कमरे की छत भरभरा कर नीचे गिर गई। सभी को लगा कि पड़ोसी के यहां कुछ गिरा है।
सुबह सभी लोग सोकर उठे। जब बड़ा बेटा सौरभ छत पर गया तो उसने देखा कि दूसरी मंजिल पर बने कमरे की छत गिरी हुई थी। उसके मलबे में मोनू दबा हुआ था। सब लोगों ने उसे आनन फानन में निकाला। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुष्पा ने बताया कि उनके बेटे की शादी नहीं हुई थी। वह प्राइवेट जॉब करता था।
पुष्पा ने बताया कि मैंने पड़ोसियों से कहा था कि अपने मकान को और ऊंचा न कराओ। कहीं गिर गया तो क्या होगा। मगर पड़ोसी नहीं माने। पिछली रात को जब दीवार गिर गई। तब मैंने मलबा हटाने के लिए कहा। मगर पड़ोसियों ने नहीं सुना। मैंने मिस्त्री और लेबरों से भी मलबा हटाने को बोला था। अगर मलबा हटा लिया गया होता तो शायद मेरे बेटे की जान नहीं जाती।
एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि छत गिरने से युवक की मौत हुई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।