—सीसामऊ विधानसभा का सियासी पारा गरमाया।
ओसामा रसूल
कानपुर। उत्तर प्रदेश के नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांटे के मुकाबले वाली सीटों में शुमार, कानपुर की सीसामऊ विधानसभा, जेल में बंद चार बार के सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद उनकी विधायकी जाने से इस सीट पर 20 नवंबर को मतदान होना है।
उप चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे सियासी पारा गरमाता जा रहा है। और विधानसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसमे मुख्यता दो ही पार्टी भाजपा और सपा इस सीट पर सीधे मुकाबले में नजर आ रही है। क्योंकि बीते 28 सालों से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहा है। तो उसके पूर्व भाजपा का लगभग डेढ़ दशक तक इस सीट पर कब्जा रहा है। ऐसे में जब इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है, तो भाजपा के कई नगर के कद्दावर नेता इस सीट पर जी तोड़ मेहनत करते हुए नजर आ रहे हैं। स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सहित दोनों उप मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के कई मंत्रीयों की इस सीट पर सक्रियता बराबर बनी रही हैं, यूपी की यह सीट सपा-भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गई है। भाजपा से तीसरी बार ताल ठोंक रहे सुरेश अवस्थी की छवि युवा व छात्रनेता की है। काफी युवा उनसे जुड़े हैं। इरफान से नाराज तबका सुरेश के साथ खुलकर खड़ा है। मुख्यमंत्री की छवि और कानून-व्यवस्था उनके लिए ट्रंप कार्ड है। वही इस सीट पर सपा ने वर्चस्व बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महज सात दिनो में इस विधानसभा क्षेत्र का दो बार दौरा किया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक जनसभा कर चुके हैं और शनिवार को हुए मुख्यमंत्री के रोड शो के जवाब में सांसद डिम्पल यादव का रोड शो सोमवार को हुआ जो दो किलोमीटर तक का था जिसमें अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं का मेला चलता हुआ नजर आया। प्रदेश की सबसे चर्चित नगर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर विश्ववार्ता की टीम पहुंची और लोगों से बातचीत कर जानने की कोशिश की आखिर इस बार यहां की जनता किन मुद्दों पर वोट करने जा रही है।
विश्ववार्ता संवाददाता से खास बातचीत के दौरान देव नगर निवासी विवेक शुक्ला ने बताया कि, अगर इस सीट की बात की जाए तो यहां पर मौजूदा विधायकी सपा के पाले में है, और पूर्व में दशकों भाजपा के पास रही है। मेरे हिसाब से यहां लगभग ढाई लाख मतदाता है, जिसमे 45 फीसदी अल्पसंख्यक वर्ग और 55 फीसदी विशेष वर्ग मतदाता है। लेकिन कभी भी मतदान शत प्रतिशत नहीं होता है। इसलिए जीत उसी प्रत्याशी की होती है जिसको दोनों वर्गों से वोट मिला हो। पूर्व में देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी इस सीट से विजयी हुए थे, उन्हें कुछ प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाताओं का वोट मिला था। ऐसा ही सपा के प्रत्याशी को कुछ प्रतिशत विशेष वर्ग के वोट मिलते आ रहे है जिस कारण सपा यह सीट जीतती आ रही है। टीम ने इस विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख मार्गों से लेकर गलियों में जाकर सियासी माहौल जानने कोशिश की। एक तस्वीर बिल्कुल साफ दिखी कि इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी सहानुभूति के लहर पर सवार हैं। प्रचार के दौरान उनकी आंखों की नमी वोटरों का ध्यान खींच रही है। केवल अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि विशेष वर्ग बहुल इलाकों में भी कुछ प्रतिशत टियर इफेक्ट महसूस हुआ।
वहीं चमनगंज स्थित मोहम्मद अली पार्क में ‘सांय चाय, की चुस्की का आनंद ले रहे इख़लाक़ कुरैशी, एहतिशाम (आहिल), गोलू, और नावेद चुनावी रुख के सवाल पर बोले, दोनों प्रत्याशियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।
नसीम सोलंकी को सहानुभूति का लाभ मिलेगा। इस सवाल पर पी रोड निवासी सर्वज्ञ मिश्रा बोले 25 साल से परिवार के पास विधायकी रही लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ है। सर्वज्ञ मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री के आगमन पर देखने को मिला दोनों समुदाय के लोगों में बदलाव की लहर है, खास कर अल्पसंख्यक भारी संख्या में उनके रोड शो में मौजूद थे, लोग अब बदलाव चाहते है। वही सूफी संत मलंग संगठन से जुड़ी अल्पसंख्यक कार्यकार्तियों ने बताया कि पहली बार अल्पसंख्यक इलाकों में भाजपा प्रत्याशी खुद आए हैं। संपर्क कर रहे हैं। ये एक अच्छी पहल है। पूर्व विधायक पर नाराजगी जताते हुए कुछ अल्पसंख्यक महिलाओं ने कहा सरकारी योजनाएं हमारे पास तक नहीं पहुंचती। विधायक हमारी बात सुनें, इसलिए वोट जरूर डालेंगे।
बता दें कि सीसामऊ सीट पर वर्ष 1991 में कमल खिला था। जिसने लगभग डेढ़ दशक तक कब्जा बनाए रखा। वर्ष 2012 में परिसीमन परिवर्तित होने के बाद अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं का प्रतिशत बढ़ने से वर्ष 2012 में सपा ने 19,663 वोटों से, वर्ष 2017 में 5,826 से, और वर्ष 2022 में 12,266 वोटों से जीत दर्ज की थी।
सपा को मतदान करने वाले मतदाता समीकरण का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2017 के चुनाव में योगी और मोदी की लहर के बावजूद जीत दर्ज की थी। अल्पसंख्यक बहुल इलाके हुमायूं बाग में नब्ज टटोलने की कोशिश की गई लेकिन छाई खामोशी से जाहिर हो गया कि मतदाता अभी पत्ते खोलने के मूड में नहीं हैं।
वहीं आर्यनगर सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने आरोप लगाया था कि, जब से सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव के लिए तारीखों का एलान हुआ है, तब से पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की ओर से हमारे 700 कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई है। आरोप लगाया कि घर-घर जाकर पुलिस कार्यकर्ताओं को धमका रही है और हमारे प्रत्याशी के जो जनसंपर्क कार्यक्रम हैं, उसको भी पुलिस बाधित कर रही है। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र स्थित बेकनगंज, बजरिया, चमनगंज समेत अन्य क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन के अफसर मिलकर बेवजह ही लोगों को परेशान कर रहे हैं, और सभी के खिलाफ मुकदमा लिख रहे हैं।