June 1, 2025

—25 मई से शुरू होगा नौतपा।

संवाददाता
कानपुर।
गर्मी से लोग परेशान होने लगे हैं। गर्मी का सितम अब शुरू हो गया है। बीते 7 दिनों से तापमान 42 डिग्री से ऊपर बना हुआ था। लेकिन शनिवार और रविवार को तापमान में राहत रही, सुबह से छाए बादलों ने अधिकतम तापमान में कमी ला दी। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक आज भी बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। आगामी 25 मई से नौतपा की शुरुआत होगी।
देर रात को तेज गर्म हवाएं चलीं। 13.6 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ये हवाएं चली। मौसम विभाग ने उमस भरी गर्मी होने की भी संभावना जताई है। आज भी हीटवेव और लू को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान बेवजह घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
मौजूदा स्थितियों में दिन के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही थी। यह क्रम 12 मई को शुरू हुआ था जो शुक्रवार तक जारी था। 12 मई को तापमान 39 डिग्री था जो शुक्रवार तक धीरे-धीरे बढ़कर अधिकतम 43.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। एयरफोर्स वेदर स्टेशन पर भी इतना ही तापमान रिकॉर्ड किया गया। अधिकतम पारा सामान्य से करीब चार डिग्री अधिक था।
अब रात भी बेहद गर्म होने लगी है। सीएसए के अनुसार न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री रहा। एयरफोर्स वेदर स्टेशन पर रात का पारा 28.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। रात का पारा सामान्य से तीन डिग्री अधिक चल रहा है।
मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मौसम विभाग ने 18 मई से प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी-पानी की संभावना जताई है। हीटवेव बनी रहेगी। ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 18 से अगले चार दिनों के लिए आंधी-पानी की संभावना प्रदेश के कुछ जिलों के लिए जताई गई है।
मौसम विज्ञान विभाग ने लू-धूप का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लू की गति 25-35 किमी प्रति घंटा पहुंच सकती हैं। मौसम बेहद शुष्क हो सकता है। नमी का प्रतिशत गिरेगा। हीट स्ट्रोक की संभावना अधिक होगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश अधिक धधक रहा है। पश्चिमी के कई जिलों में आंधी-पानी का असर होने से वहां के कुछ ही जिलों में तापमान तेजी से चढ़ा है।
सूर्य 15 दिन के लिए रोहिणी नक्षत्र में जब गोचर करता है तब नौतपा लगता है। इन 15 दिनों के पहले के 9 दिन गर्मी का चरम होता है। यही शुरुआती 9 दिन नौतपा कहलाते हैं। लेकिन इस साल ये तपन 12 दिन रहेगी। मान्यता है कि नौतपा न हो तो बारिश भी अच्छी नहीं होगी।
नौतपा में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ने पर समुद्र के पानी का वाष्पीकरण तेजी से होता है और इससे बादलों का निर्माण होता है। इससे मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं। इस दौरान पूरे उत्तर भारत में लू चलने लगती है। असल में इसी नौतपा से ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ माना जाता है।