—निजीकरण रोकने व पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगों पर संघर्ष जारी रखने का निर्णय

संवाददाता
कानपुर, 20 जुलाई 2025:
केंद्र, राज्य व अन्य वर्गों के कर्मचारियों के हितों के लिए संघर्षरत कर्मचारी कल्याण समन्वय समिति ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के तत्काल गठन सहित प्रमुख मांगों पर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है।
बैठक के प्रमुख निर्णय:
- वेतन आयोग की तत्काल नियुक्ति: केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बावजूद अभी तक इसके अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई है। समिति ने इनकी तत्काल नियुक्ति और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (कार्यकर्तव्य) तुरंत निर्धारित करने की मांग को पुष्ट किया। साथ ही, आयोग की सिफारिशें सभी पेंशनभोगियों पर लागू करने की मांग की गई।
- संघर्ष के प्रमुख मुद्दे:
- नई पेंशन योजना (एनपीएस/यूपीएस) को तत्काल वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
- सार्वजनिक उद्यमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्तियां की जाएं तथा आउटसोर्स्ड/संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए।
- मृतक आश्रितों के रिक्त पदों पर शत-प्रतिशत भर्ती सुनिश्चित की जाए।
- चार श्रम संहिता कानूनों को रद्द किया जाए।
- बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 रद्द किया जाए तथा वितरण प्रणाली के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिया जाए।
हड़ताल को बधाई:
अध्यक्ष रजनीश गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित संचालक मंडल की बैठक में 09 जुलाई 2025 को हुई अखिल भारतीय हड़ताल में शामिल संगठनों को सफल संघर्ष के लिए बधाई दी गई।
वित्तीय अनुमोदन:
बैठक में वर्ष 2024-25 का आय-व्यय विवरण व वार्षिक रिपोर्ट विस्तृत समीक्षा के बाद स्वीकृत की गई।
मौजूद प्रतिनिधि:
बैठक में अध्यक्ष रजनीश गुप्ता, कार्यवाहक अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह, महामंत्री शरद प्रकाश अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजीव निगम, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार भाटिया सहित आईटीजीओए अध्यक्ष एस.के. वर्मा, पी.के. पांडेय, अरविंद द्विवेदी, एस.के. साहू, सत्य प्रकाश तिवारी, पी.के. शर्मा, अनिल बाजपेई, सर्वेश तिवारी, कमल अग्रवाल, शिवेंदु श्रीवास्तव, रमाकांत गुप्ता व अशोक तिवारी उपस्थित रहे।






