July 1, 2025

संवाददाता

कानपुर। गंगा में गिर रहे 14 नालों को बंद करने की शुरुआत अगले माह से हो सकती है। जल निगम को नालों को बंद करने के लिए शासन से 138 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। बजट मिलने के बाद जल निगम ने टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। अनटैप्ड नालों के इंटरसेप्शन और डायवर्जन के लिए टेंडर तैयार कराए जा रहे है। 2027 तक नालों को टैप करने का लक्ष्य रखा गया है।

शहर में कुल 33 नाले हैं, 27 नाले कानपुर नगर और 6 नाले बिठूर में स्थित हैं। नगर के 27 नालों में से 18 नाले गंगा नदी और 9 नाले पांडु नदी से संबंधित हैं। गंगा नदी के 18 नालों में 11 नाले टैप्ड, 6 अनटैप्ड हैं। वहीं एक बरसाती नाला है। इस तरह पांडु नदी के 9 नालों में से 4 नाले टैप्ड, 3 अनटैप्ड व 2 नाले आंशिक टैप्ड हैं।

सभी अनटैप्ड नालों के टैपिंग कार्य के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई गई थी। जिस पर करीब 152.02 करोड़ की लागत आनी थी। पिछले दिनों नालों को बंद करने के लिए 138 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गई है।

जल निगम के मुताबिक डीपीआर की स्वीकृति व बजट आवंटित होने के बाद टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगर सब कुछ समय पर हुआ तो दो सालों में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। अभी अनटैप्ड नालों के सीवेज का शोधन नगर निगम की ओर से बायोरिमेडियेशन के जरिए कराया जा रहा है।

रानीघाट नाला, गोलाघाट, सत्तीचौरा, डबका, मदारपुर व किशनपुर में 6 नाले अनटैप्ड है, जिनकी गंदगी गंगा में गिरती है। इसके अलावा दो आंशिक टैप्ड परमिया व गुप्तार घाट नाले से ओवरफ्लो होकर सीवेज गंगा नदी में गिरता है। 

वहीं पांडु नदी में 3 अनटैप्ड नाले पिपौरी, अर्रा, सागरपुरी नाला गिर रहा है। पांडु नदी में आंशिक टैप्ड 3 नाले हलवाखाड़ा, पनकी थर्मल व गंदा नाला ओवर फ्लो होकर गिरता है।