
संवाददाता
कानपुर। गीता नगर वार्ड में 24 घंटे पानी देने की योजना जमीन न मिलने की वजह से चालू नहीँ हो पा रही है। अमृत 2.0 कार्यक्रम के अन्तर्गत वार्ड-52 गीता नगर में चयनित रामलीला ग्राउंड में कार्य करने के लिए पार्षद व क्षेत्रीय जनता ने मना कर दिया है।
जिसके बाद जल निगम नगरीय ने योजना के लिए वार्ड 30 आरएसपुरम में जगह खोजी है। यहां 40 गुणा 60 वर्गमीटर जमीन की एनओसी नगर निगम से मांगी है, जिससे कार्य शुरू हो सके।
इस वार्ड में 24 घंटे पेयजल पाइप लाइन विस्तार योजना प्रस्तावित है। यहां स्वच्छ जलाशय, पम्प हाउस, स्काडा रूम एवं पम्पिंग प्लांट के निर्माण होना है।
गीता नगर वार्ड में 24 घंटे शुद्ध जल की सप्लाई के लिए 4400 घर चयनित किए गए हैं, जहां पाइप लाइन का कनेक्शन दिया जायेगा। चयनित वेंडर ने प्रोजेक्ट की डिजाइन बना ली है। इससे पहले शासन की ओर से काम शुरू करने के लिए 2.10 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। दिसंबर के अंत तक गीता नगर शहर का पहला वार्ड बनेगा जहां 24 घंटे शुद्ध जल की सप्लाई होगी।
पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 17 जिलों में एक-एक कॉलोनी को चुना गया है। इसी के तहत कानपुर में गीता नगर वार्ड को भी चुना गया है, जहां 24 घंटे शुद्ध जल की जलापूर्ति करनी है। गीता नगर वार्ड में पहले 4739 घरों को जोड़ने के लिए 27 करोड़ रुपए का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। जल निगम ने जब सर्वे पूरा किया तो अंतिम 4400 घरों का चयन किया गया है। जहां पानी पहुंचाया जायेगा।
इसके साथ ही योजना के लिये चुने गये वेंडर मेसर्स यूनीवर्सल एमईपी प्रोजेक्ट ने डिजाइन बना लिया है। जल निगम के अधिशाषी अभियंता प्रवीण यादव ने बताया कि जमीन मिलते ही कार्य शुरू होगा।
अधिकारियों के अनुसार गीता नगर वार्ड में योजना सफल हुई तो हर वार्ड में 24 घंटे पानी देने की योजना पर काम होगा। पानी खर्च के आधार पर भवन स्वामी से बिल लिया जाएगा। मीटर लगवाने का पैसा नहीं लिया जायेगा।
अमृत 2.0 योजना के तहत जल निगम की परियोजना के जरिए हर घर में नल से पानी पहुंचाया जायेगा। मीटर लगवाने के लिए प्री बिड मीटिंग हो चुकी है। जल निगम के अधिकारियों के अनुसार वाटर मीटर लगाने का काम एक साल में पूरा किया जाएगा। सभी पुरानी पेयजल लाइनों को बदलकर यहां जीआई या एचडीपीआई लाइनों को डाला जाएगा। यहां के जल संस्थान केंद्र में 24 मीटर ऊंचा ओवरहेड टैंक बनाया जाएगा, जिससे हाई प्रेशर से पानी की सप्लाई होगी। इससे लोगों को चौथी मंजिल तक पानी नल की टोटी खोलते ही मिल जाएगा।
जल निगम के अनुसार योजना के तहत टंकियों व भूमिगत जलाशय में पानी हमेशा बना रहेगा। इसके लिए पानी की आपूर्ति करने वाली लाइन में बीच-बीच में डिजिटल सिस्टम वाले ऑटोमैटिक मीटर भी लगेंगे, जो एक पोर्टल से जुड़े रहेंगे। इससे पता चलता रहेगा कि कितना पानी जमा है और कितना खर्च हो गया।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद घरों में पानी को स्टोर करने का इंझट ही खत्म हो जाएगी। घरों में वाटर टैंक बनाने की भी जरूरत नहीं होगी। क्योंकि, फीडर मेन लाइन से ओएचटी तक 24 घंटे पानी की आपूर्ति बनी रहेगी। इससे नलों से 24 घंटे पानी आएगा। अभी सुबह-शाम पानी आने की वजह से लोगों को घरों में टंकियां और अन्य बर्तन रखने पड़ते हैं।