
संवाददाता
कानपुर। पहलगाम हमले के बाद सैलानी कश्मीर जाने से डरे हुए हैं, कोई भी बैसारन घाटी जाने को राजी नहीं है। इसी बीच कानपुर के किदवई नगर में हुए सामूहिक विवाह समारोह में 7 जोड़ों ने जयमाल के बाद बैसारन घाटी जाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। आतंकियों के डर से कश्मीर को छोड़ नहीं दिया जाएगा।
जितेंद्र साहनी चेरिटेबल फाउंडेशन की ओर से अग्रसेन भवन में 7 जोड़ों का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान नवविवाहित जोड़ों ने पहलगाम की बैसारन घाटी जाने का दृढ़ संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि यह घटना अमानवीय व निंदनीय है, इस घटना से देश का नागरिक न तो डरा है और न कश्मीर जाने से डरेगा।
फाउंडेशन की प्रमुख सिमरन साहनी ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी और उनके समर्थक सोचते हैं कि कश्मीर में निर्दोषों पर हमला करके वह देश में भय का माहौल पैदा कर देंगे। इस संकल्प का केवल एक ही उद्देश्य है, कि निर्दोषों के बहाए गए खून का हिसाब होगा और न हम डरें हैं और न डरेंगे।