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आ स. संवाददाता
कानपुर। नगर निगम में विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने सख्त आदेश जारी किए हैं। विकास कार्यों में धांधली को रोकने के लिए नगर आयुक्त ने जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक की जिम्मेदारी तय कर दी है।
नगर आयुक्त ने बताया कि अब जोन में तैनात जूनियर इंजीनियर, जोनल इंजीनियर चीफ इंजीनियर को मौके पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करना होगा और इस्टीमेट फाइल में जीपीएस फोटोग्राफ भी लगाना होगा। फर्जीवाड़ा होने पर उनकी ही जिम्मेदारी तय की जाएगी।
मौजूदा समय में पार्षदों के पत्र के आधार पर इंजीनियर ऑफिस में बैठे-बैठे इस्टीमेट तैयार कर फाइल तैयार कर देते थे। मौके पर विकास कार्य की जरूरत है या नहीं ये तय नहीं हो पाता था।
कई बार एक ही विकास कार्य दो-दो बार फाइलों में कर दिया जाता है। इससे होने वाली ये धांधली रुकेगी। फाइल में जीपीएस फोटोग्राफ की इंजीनियर की फोटो होने पर उसकी जिम्मेदारी भी तय होगी।
लेकिन इस मामले में पार्षदों ने इस आदेश का विरोध जताया है। वरिष्ठ पार्षद महेंद्र पांडेय, नीरज कुरील, नीरज बाजपेई ने बताया कि इस आदेश के बाद से वार्डों में विकास कार्य प्रभावित होंगे। विभाग में इंजीनियरों की कमी है और एक-एक इंजीनियर पर वर्कलोड बहुत है। एक-एक विकास कार्य के लिए मौके पर इंजीनियर जाएगा, तो इससे विकास कार्यों की फाइलें देरी से बनेगी। इससे वार्ड के विकास कार्यों में अनावश्यक देरी होगी।