
संवाददाता
कानपुर। पीलीभीत से रेस्क्यू करके कानपुर चिड़ियाघर लाई गई आदमखोर बाघिन ने तीन दिनों से कुछ नहीं खाया है। शनिवार रात उसे लेकर टीम कानपुर पहुंची थी। रात में उसे खाने को दिया गया, लेकिन उसने केवल पानी पिया। पिंजरे के नजदीक जाते ही हर बार झपट्टा मारने का प्रयास करती रही। इसी वजह से उसने अभी तक गोश्त नहीं खाया। केवल पानी पिया।
जू डायरेक्टर ने बताया की बाघिन अभी स्ट्रेस में है। बाघिन पूरी तरह से हेल्दी और एक्टिव है। माहौल में घुलने मिलने के साथ वह खाना भी शुरू कर देगी।
कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. नासिर ने बताया कि शनिवार शाम से अभी तक बाघिन ने कुछ नहीं खाया है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है। उसके पूरे दिन के स्वभाव और मूवमेंट को वॉच किया जा रहा है।
कानपुर चिड़ियाघर के डायरेक्टर कन्हैया पटेल ने बताया की बाघिन को अभी रेस्क्यू करके लाया गया है। इसलिए वह तनाव में है। धीरे-धीरे उसका व्यवहार सामान्य हो जाएगा। इसके बाद वह ठीक से अपनी डाइट लेना शुरू कर देगी। क्योंकि उसके स्थान में परिवर्तन हुआ है। इसलिए अभी कुछ खा नहीं रही है।
कानपुर चिड़ियाघर में शनिवार रात पीलीभीत से बाघिन को कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था। चिड़ियाघर में उसे एक बड़े पिंजरे में क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। एक महीने तक बाघिन चिकित्सको के ऑब्जर्वेशन में रहेगी।