March 13, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर के स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट उद्योग और शिक्षा के बीच की अंतर को को खत्म करने में महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है।

यह कार्यक्रम स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के निदेशक प्रो. सुधांशु पाण्ड्या ने आयोजित किया। 

इस सत्र की शुरुआत प्रो. सुधांशु पाण्ड्या और डीन प्रोजेक्ट एंड कंसल्टेंसी प्रो. अंशु यादव द्वारा अतिथियों  का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया गया।

सीए डॉ. धनपत राम अग्रवाल ने आर्थिक विकास, नवाचार की भूमिका, और देश की जीडीपी में बौद्धिक संपदा के योगदान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विस्तृत अनुभव साझा किए।

सत्र के दौरान, सीए डॉ. अग्रवाल ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर प्रकाश डाला, इसके ऐतिहासिक मील के पत्थरों और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने विकसित भारत 2047 के बारे में भी विस्तार से बताया, और विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर बात की। इसके साथ ही उन्होंने वोकल फॉर लोकल की अहमियत पर जोर दिया, जिसमें उन्होंने छात्रों और उपस्थित लोगों से स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को समर्थन देने का आग्रह किया, जो भारत की विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण तत्व है।

डॉ. अग्रवाल ने मस्तिष्क पलायन को रोकने पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि हमें ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित उद्योगों के माध्यम से आय सृजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी तकनीकों के विकास और प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे न केवल भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक स्थायी मार्ग प्रदान करेगा।

अपने समापन संबोधन में, डॉ. अग्रवाल ने नवाचार और आर्थिक विकास में अनुसंधान और विकास की भूमिका को रेखांकित किया और छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने और भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। इस सत्र को छात्रों और शिक्षकों दोनों ने सराहा और इसे ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक पाया।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुदेश श्रीवास्तव द्वारा किया गया, जिन्होंने डॉ. अग्रवाल द्वारा साझा किए गए बहुमूल्य विचारों और छात्रों की उत्साही भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। 

इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. प्रवीन कुमार अग्रवाल, डॉ. मोहित, मानसी, पल्लवी, और गौरी द्वारा किया गया। जिन्होंने कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।